प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की तमाम अटकलों और ख़बरों पर आख़िरकार विराम लग गया। दरअसल, कांग्रेस में पीके की भूमिका को लेकर तमाम उहापोह थे तो प्रशांत किसी भी क़ीमत पर 2017 के उत्तर प्रदेश प्रयोग को फिर से दोहराना नहीं चाहते हैं। यही वह बिंदु है जहाँ दोनों के बीच बातचीत बनते-बनते बिगड़ गई। लेकिन पीके और कांग्रेस की बातचीत टूटी है दोस्ती नहीं।