उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस के प्रथम परिवार यानी नेहरू गांधी परिवार की दशा और दिशा भी तय होगी। जहां देश के तमाम ज्वलंत मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व द्वारा गठित छह समूह अपनी रिपोर्ट पेश करके उस पर विस्तृत चर्चा करेंगे वहीं इस चिंतन शिविर से कांग्रेस नेतृत्व में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की भावी भूमिकाएं भी तय हो जाएंगी।
चिंतन शिविर: चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार हो पाएगी कांग्रेस?
- विश्लेषण
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- 13 May, 2022

दिलचस्प है कि इस शिविर में जहां टीम राहुल मानी जाने वाली पीढ़ी के नेताओं को बुलाया गया है वहीं राजीव गांधी और सोनिया गांधी के जमाने से पार्टी में सक्रिय उन पुराने नेताओं को भी याद किया गया है जो पिछले काफी समय से कांग्रेस के कामकाज से न सिर्फ दूर हैं बल्कि नेतृत्व की जड़ता और पार्टी की कार्यशैली पर सवाल भी उठाते रहे हैं।
मुमकिन है कि शिविर में पार्टी संगठन के ढांचे में मूलभूत बदलाव के लिए उन सुझावों पर भी विचार हो जो पार्टी नेताओं के साथ घंटों की मैराथन बैठक में प्रशांत किशोर ने पेश किए थे।
कांग्रेस महासचिव और मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चिंतन शिविर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उदयपुर से उदित होगा देश की उम्मीदों का सूर्य। कांग्रेस ने इसे नवसंकल्प चिंतन शिविर का नाम दिया है।