उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव जैसे जैसे क़रीब आता जा रहा है, वैसे वैसे राजनीति में जातीय समीकरण बदलने के लिए जोड़ तोड़ शुरू हो गयी है। जिस बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की स्थापना ब्राह्मण और ब्राह्मणवाद का विरोध करने के लिए हुआ था वह अब प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन करके ब्राह्मण को पूज रही है और सत्ता में आने पर उन्हें प्रमुख भूमिका देने की बात कर रही है। वैसे यह कोई नयी बात नहीं है।