मौर्य सम्राट अशोक की जाति क्या थी? बिहार विधानसभा चुनावों के पहले इस मुद्दे पर ख़ूब चर्चा हुई। अब जब उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव क़रीब आ रहा है तो इतिहास के दो नायकों की जाति पर विवाद छिड़ गया है। ये हैं सम्राट मिहिर भोज और सुहेल देव। मिहिर भोज पर गुर्जर और राजपूत दोनों जातियों के नेता दावा ठोक रहे हैं, जबकि सुहेल देव को पिछड़ी जाति राजभर और राजपूत दोनों अपना बता रहे हैं।

सम्राट मिहिर भोज पर गुर्जर व राजपूत समाज के लोगों के बीच और सुहेल देव को लेकर राजभर और राजपूत समाज के लोगों के बीच विवाद क्यों है? पहले तो इस तरह का विवाद सामने नहीं था तो आख़िर अब ऐसा क्या हो गया है?
ख़ास बात ये है कि सुहेल देव कोई राजा हुए भी या नहीं, यह तय नहीं है। इतिहास की किताबों में उनका ज़िक्र नहीं मिलता है। रानी पद्मावती या पद्मिनी की तरह साहित्य की कुछ किताबों में सुहेल देव का ज़िक्र ज़रूर मिलता है। पद्मावती और अनार कली की तरह सुहेल देव काल्पनिक चरित्र हैं या सचमुच इस नाम के राजा हुए भी इसे पता लगाने के लिए इतिहास की गहरी छानबीन की ज़रूरत है। बहरहाल पिछले कुछ वर्षों में सुहेल देव पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक पिछड़ी जाति राजभर की अस्मिता के प्रतीक बन गए हैं। लेकिन इस इलाक़े के राजपूत सुहेल देव को अपना बताने के लिए अभियान चला रहे हैं।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक