ऐसे समय जब कई देशों ने कोरोना रोकथाम के उपाय के रूप में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी और अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साफ शब्दों में कह दिया है कि इससे ओमिक्रॉन वायरस के संक्रमण को नहीं रोका जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर यात्राओं से जुड़ी कोई भी कार्रवाई इसकी मौजूदगी के ख़तरे के आधार पर करनी चाहिए क्योंकि यात्रा पर प्रतिबंध इस वेरिएंट को फ़ैलने से नहीं रोक सकेगा।
इस अंतरराष्ट्रीय संगठन ने कहा,
“
यात्रा प्रतिबंध ओमिक्रॉन के फैलने को नहीं रोक सकेंगे, बल्कि इस तरह के प्रतिबंध लोगों के जीवन और उनकी आजीविका पर भारी पड़ेंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के बयान का अंश
इस बयान में यह भी कहा गया है कि रिपोर्ट है कि 28 नवंबर तक 56 देशों ने ओमिक्रॉन के उनके देशों में संभावित प्रवेश में देरी को लेकर कुछ यात्रा उपाए लागू किए हैं।
क्या किया है भारत ने?
डब्लूएचओ का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत सरकार ने 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने के फ़ैसले को वापस ले लिया है। यह फ़ैसला 26 नवंबर को लिया गया था।
याद दिला दें कि बीते शनिवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ़सरों को सलाह दी थी कि वे अंतरराष्ट्रीय उड़ान को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देने के फ़ैसले की समीक्षा करें। इससे पहले ओमिक्रॉन के ख़तरे को देखते हुए 14 देशों के साथ हवाई सेवाएं सीमित भी कर दी गई थीं।
डब्लूएचओ की सलाह
दूसरी ओर, डब्लूएचओ ने 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को लेकर भी सलाह दी है।
इसने कहा है कि 60 से अधिक उम्र के उन लोगों ने जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगाई है या जिनके पास कोविड संक्रमण होने के कोई सबूत मौजूद नहीं हैं और जिन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी समस्याएँ हैं, उन्हें उनकी यात्रा स्थगित करने की सलाह दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें बीमारी और मौत दोनों का ही अधिक ख़तरा है।
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