दुनिया के सबसे ताक़तवर देश और सबसे पुराने लोकतंत्र के प्रतीक कैपिटल बिल्डिंग यानी संसद भवन पर हमला और तोड़फोड़ देखने में अप्रत्याशित और यकायक भले ही लगता हो, दरअसल इसकी पृष्ठभूमि बहुत पुरानी है और इसकी तैयारी भी बहुत दिनों से चल रही थी।
कैपिटल बिल्डिंग पर हमला यकायक नहीं, ट्रंप को 'पैंगबर' मानने वाले थे इसके पीछे
- दुनिया
- |
- 9 Jan, 2021
दुनिया के सबसे ताक़तवर देश और सबसे पुराने लोकतंत्र के प्रतीक कैपिटल बिल्डिंग यानी संसद भवन पर हमला और तोड़फोड़ देखने में अप्रत्याशित और यकायक भले ही लगता हो, दरअसल इसकी पृष्ठभूमि बहुत पुरानी है और इसकी तैयारी भी बहुत दिनों से चल रही थी।

ह्वाइट सुप्रीमेसिस्ट
जिन लोगों ने संसद पर हमला किया, तोड़फोड़ की, उनमें ज़्यादातर लोग ह्वाइट सुप्रीमेसिस्ट, यानी वे लोग थे जो गोरों की श्रेष्ठता के समर्थक हैं। इनमें से कुछ लोगों ने कॉनफ़ेडरेट का झंडा भी अपने हाथ में ले रखा था। यह वह झंडा है जो अमेरिकी गृह युद्ध के दौरान ग़ुलामी प्रथा को बरक़रार रखने वालों ने उठा रखा था।
दरअसल ट्रंप का जनाधार उस वर्ग में बडा है, जो अमेरिका में सबको साथ लेकर चलने वालों से नाराज़ हैं, जिनका मानना है कि गोरों की श्रेष्ठता बिल्कुल सही है।