loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

जीत

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

जीत

श्रीलंका में रानिल विक्रमसिंघे के घर का घेराव जारी है

श्रीलंका में आगे का रास्ता क्या है, क्या 20 जुलाई को चुना जाएगा नया नेता?

श्रीलंका में एक जटिल सवाल का जवाब तलाशा जा रहा है कि श्रीलंका में अब आगे क्या रास्ता है। देश किस तरफ जाएगा, गोटाबाया राजपक्षे की जगह कौन लेगा, क्या रानिल विक्रमसिंघे को भी कुर्सी छोड़नी पड़ेगी? बहरहाल, रानिल विक्रमसिंघे लगातार फैसले ले रहे हैं।
बढ़ती कीमतों और भोजन और ईंधन की कमी पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद, राजपक्षे ने घोषणा की थी कि वह 13 जुलाई को इस्तीफा दे देंगे, जिससे एक नए नेता का रास्ता खुलेगा जो देश को विनाशकारी आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए तमाम कदम उठाएगा। लेकिन गोटाबाया हालात का सामना करने की बजाय विदेश भाग गए। अब रानिल विक्रमसिंघे कार्यवाहक राष्ट्रपति बन गए हैं। लेकिन प्रदर्शनकारी उन्हें भी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।

ताजा ख़बरें
श्रीलंका के संविधान के मुताबिक संसद को 30 दिनों के भीतर राष्ट्रपति के उत्तराधिकारी का चुनाव करने की जरूरत पड़ती है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन को मंजूरी मिलने के बाद 20 जुलाई को मतदान हो सकता है। लेकिन ये तभी संभव है जब प्रदर्शनकारी शांत हो जाएं, रानिल विक्रमसिंघे को शांतिपूर्वक सत्ता ट्रांसफर करने दें। विपक्ष को मुख्य भूमिका निभाने दी जाए।

संविधान यह भी कहता है कि राष्ट्रपति के इस्तीफे और उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति की अवधि के बीच, प्रधानमंत्री कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकते हैं। हालांकि, पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने पिछले हफ्ते घोषणा की कि वह कार्यवाहक राष्ट्रपति पद से भी इस्तीफा दे देंगे। लेकिन इससे हालात और जटिल बनेंगे।

श्रीलंका के संविधान के अनुच्छेद 40 के अनुसार, यदि राष्ट्रपति अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले इस्तीफा दे देता है, तो संसद को उसके स्थान पर अपने सदस्यों में से एक का चुनाव करना होगा। रिक्ति के एक महीने के भीतर होने वाला यह चुनाव गुप्त मतदान और पूर्ण बहुमत से होना चाहिए।
प्रधानमंत्री तब तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। हालांकि, अगर विक्रमसिंघे 20 जुलाई से पहले पद छोड़ देते हैं, तो स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने उस भूमिका को ग्रहण कर सकते हैं।
श्रीलंका के संविधान में कहा गया है कि यदि प्रधानमंत्री का पद रिक्त हो या प्रधानमंत्री कार्य करने में असमर्थ हों, तो अध्यक्ष राष्ट्रपति के कार्यालय के रूप में कार्य करेगा। गोटबाया राजपक्षे नवंबर 2019 में चुने गए थे और उनका कार्यकाल 2024 में समाप्त होने वाला था, जब अगला राष्ट्रपति चुनाव होना था। 20 जुलाई को जो भी सरकार संसद चुनेगी वह 2024 तक काम करेगी, जिसके बाद एक नया चुनाव होगा।

श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगया (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा और जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) की युवा उग्र राजनेता अनुरा कुमारा दिसानायके को राजपक्षे के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है। श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी), जो राजपक्षे से जुड़ा है, ने अभी तक नाम प्रस्तावित नहीं किया है।
प्रेमदासा, जो 2019 में राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे, ने मंगलवार को बीबीसी को बताया था कि गोटबाया राजपक्षे के पद छोड़ने के बाद उनका फिर से चुनाव लड़ने का इरादा है। विपक्षी नेता ने यह भी कहा कि वह एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं।
दिसनायके को कई छात्र संघों और जेवीपी की युवा शाखा का समर्थन प्राप्त है, जो विरोध में सक्रिय और आक्रामक रहे हैं। हालांकि, जेवीपी नेता ने सार्वजनिक संपत्ति को लूटने और नष्ट करने के खिलाफ बात की है। उन्होंने कहा कि देश में अराजकता और लूटपाट शांति से हासिल की गई जीत को उलट देगा। 
दुनिया से और खबरें
तमिल क्षेत्रों में सिंहली भाषी राजनेता ने मुख्य रूप से जाफना और त्रिंकोमाली जैसे तमिल जिलों में राजनीतिक भाषण देना शुरू कर दिया है। स्थानीय मीडिया में एक रिपोर्ट कहा गया कि सोमवार को एक सर्वदलीय चर्चा में एसएलपीपी, एसजेबी और संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य सभी दलों ने भाग लिया। उस बैठक में कथित तौर पर सांसद दुल्लास अल्हाप्परुमा और विपक्ष के नेता प्रेमदासा के नामों पर प्रस्तावित सरकार में जिम्मेदार पद संभालने पर जोर दिया गया था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें