मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का पासपोर्ट वापस करने का आदेश दिया। विशेष अदालत ने आर्यन की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें पिछले साल 'ड्रग्स-ऑन-क्रूज' मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से क्लीन चिट मिल गई थी और उसी वजह से पासपोर्ट, वापसी की मांग की है। आर्यन खान ने जमानत की शर्तों के तहत कोर्ट में अपना पासपोर्ट जमा किया था।
उन्हें पिछले साल अक्टूबर में हाई-प्रोफाइल ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, मई में दायर अपने आरोप पत्र में जांच एजेंसी ने उनका नाम आरोपी के रूप में नहीं लिया। एनसीबी ने "पर्याप्त सबूतों के अभाव" के कारण आर्यन खान और पांच अन्य को छोड़ दिया।
30 जून को, आर्यन ने अपने वकीलों अमित देसाई, राहुल अग्रवाल और एक कानूनी फर्म मुल्ला के माध्यम से नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में अर्जी दायर की थी। अपने पासपोर्ट, चार्जशीट का हवाला देते हुए आर्यन ने कहा था उनका नाम चार्जशीट में नहीं है। इसलिए उनका पासपोर्ट वापस किया जाए।
एनसीबी ने आर्यन की याचिका के जवाब में कहा कि उसे उनका पासपोर्ट लौटाने में कोई आपत्ति नहीं है। इससे पहले विशेष अदालत के न्यायाधीश वी वी पाटिल ने आर्यन के पासपोर्ट को वापस लेने की याचिका को स्वीकार कर लिया था।
24 वर्षीय आर्यन को एनसीबी ने पिछले साल 3 अक्टूबर को मुंबई के तट पर एक क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने से पहले आर्यन खान ने 20 दिन से अधिक समय जेल में बिताया था। एनसीबी के तत्कालीन जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने उस समय आर्यन से ड्रग्स बरामद होने के दावा किया था। हालांकि बाद में समीर वानखेड़े के कई आरोप फर्जी पाए गए। मीडिया में खबरें प्लांट कराई गईं, टीवी चैनलों ने आर्यन का मीडिया ट्रायल शुरू कर दिया कि आर्यन एक ड्रग्स सिंडीकेट का हिस्सा है। आर्यन को सिर्फ इसलिए परेशान किया गया, क्योंकि वो बॉलीवुड के सुपर स्टार शाहरुख खान के बेटे हैं।
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