डब्ल्यूएचओ जब कोरोना की सुनामी आने की चेतावनी दे रहा था तब दुनिया भर के कई देशों में रिकॉर्ड कोरोना संक्रमण के मामले आने भी लगे थे। अमेरिका में एक दिन पहले 4 लाख 65 हज़ार केस आए। यह संख्या एक दिन में अब तक किसी भी देश में आए संक्रमण के मामलों से ज़्यादा है। भारत में भी दूसरी लहर के दौरान 6 मई को एक दिन में क़रीब 4 लाख 14 हज़ार मामले ही आए थे।
अमेरिका के अलावा फ्रांस में भी एक दिन पहले रिकॉर्ड 2 लाख 8 हज़ार मामले आए। ब्रिटेन में 1 लाख 83 हज़ार, स्पेन में 1 लाख से ज़्यादा, इटली में 98 हज़ार और यूरोप के दूसरे देशों में भी काफ़ी ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं।
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दुनिया भर के देशों में संक्रमण के मामले तब बढ़ रहे हैं जब कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है। दुनिया भर के विशेषज्ञ इस वैरिएंट को लेकर कह रहे हैं कि यह डेल्टा से भी काफ़ी ज़्यादा तेज़ गति से फैलता है। हालाँकि, अब तक के शोध बता रहे हैं कि यह उतना घातक नहीं है। शुरुआत से ही यह रिपोर्ट आ रही है कि इसके लक्षण हल्के हैं। लेकिन इस बात को लेकर आगाह किया जा रहा है कि एक साथ में बड़ी आबादी के संक्रमित होने पर स्वास्थ्य व्यवस्था स्थिति को संभाल नहीं पाएगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने दुनिया भर में कोरोना मामलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की। घेब्रेयसस ने कहा कि वह कोरोनो के ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के बारे में चिंतित हैं और दोनों मिलकर संक्रमण की सुनामी लाएँगे।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा है कि अगर ऐसा होना जारी रहता है तो इससे स्वास्थ्य कर्मियों पर जबरदस्त दबाव पड़ेगा और हमारा स्वास्थ्य ढांचा ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ढांचे पर जो दबाव पड़ा है वह सिर्फ कोरोना के नए मरीजों की वजह से ही नहीं है बल्कि बड़ी संख्या में बीमार होते स्वास्थ्य कर्मियों की वजह से भी है।
डब्ल्यूएचओ की इस चेतावनी के बीच ही कई देशों में संक्रमण के मामलों की बाढ़ आ गई है। अमेरिका में पहली बार साढ़े 4 लाख से ज़्यादा केस आए हैं। इससे पहले जनवरी में दूसरी लहर के दौरान ढाई से तीन लाख के बीच पॉजिटिव केस आ रहे थे। हालाँकि तब और अब के बीच अंतर यह है कि दूसरी लहर के दौरान अमेरिका में जहाँ हर रोज़ 4 हज़ार से भी ज़्यादा मौतें होने लगी थीं वहीं मौजूदा लहर के दौरान मृतकों की संख्या डेढ़ से दो हज़ार के बीच है।
अमेरिका में पिछले 28 दिन में 49 लाख से ज़्यादा मामले आ चुके हैं। इसके बाद ब्रिटेन में इतने ही दिनों में क़रीब 23 लाख मामले आ चुके हैं। ब्रिटेन में हर रोज़ 1 लाख 80 हज़ार से ज़्यादा मामले आने लगे हैं। इससे पहले दूसरी लहर के दौरान जनवरी में वहाँ अधिकतम मामले क़रीब 55 हज़ार आए थे। तब हर रोज़ वहाँ 1500-1800 लोगों की मौत हो रही थी, लेकिन अब 50 से लेकर 200 लोगों के बीच ही मौत हुई है।
फ्रांस में भी मौजूदा हालात बेकाबू हो गए लगते हैं। छोटी आबादी वाले इस यूरोपीय देश में अब 2 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आने लगे हैं।
जबकि इससे पहले फ्रांस में दूसरी लहर के दौरान भी आम तौर पर सबसे ज़्यादा मामले क़रीब 50 हज़ार के आसपास आते रहे थे। यहाँ भी मौत के मामले इस बार बेहद कम हैं।
इन देशों के अलावा इटली में भी हर रोज़ 1 लाख से ज़्यादा केस आने लगे हैं। इनके अलावा ग्रीस, पुर्तगाल, डेनमार्क, बेल्जियम, नीदरलैंड्स जैसे यूरोपीय देशों में भी संक्रमण के मामले बढ़े हुए हैं। दुनिया के दूसरे देशों में भी संक्रमण के मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
पूरी दुनिया में तो अब एक दिन में 16 लाख से ज़्यादा नये पॉजिटिव केस आ रहे हैं। दुनिया भर में अब तक 28 करोड़ से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं। इसमें से 25 करोड़ से ज़्यादा ठीक हो चुके हैं। 54 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 2 करोड़ 28 लाख फ़िलहाल संक्रमित हैं।
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