यूएस के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी और उसके बाद उनकी भारत नीति का बेसब्री से इंतजार न सिर्फ भारत को है बल्कि अमेरिका में रह रहे असंख्य अमेरिकी भारतीय को भी है। हालांकि यूएस में डेमोक्रेट या रिपब्लिकन किसी का भी शासन आए, उनकी विदेश नीति और इजराइल नीति कभी नहीं बदलती। लेकिन पूरे चुनाव प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप के दिए गए भाषण बता रहे हैं कि वो अपनी विदेश नीति को नई शक्ल देंगे। जिसमें भारत के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चुनौतियां कम नहीं होंगी। मसलन हाई टैरिफ और वीजा प्रमुख है, जिसका सीधा सरोकार भारत से है। अगर चीन की तरह भारत में निर्मित वस्तुओं पर हाई टैरिफ पर लगा तो इसका असर भारत के उद्योग जगत पर होगा। वीजा के नियम कड़े हुए तो भारतीय प्रोफेशनल्स पर असर पड़ेगा। यही वजह है कि तमाम विदेश मुद्रा बाजार इस समय अस्थिर हो गए हैं। खुद अमेरिका की ट्रेजरी का रुख और फेडरल रिजर्व द्वारा कम कटौती के बाद अमेरिका में महंगाई बढ़ने की आशंकाएं जताई जा रही हैं। इसका असर भारत समेत कई देशों की मौद्रिक नीति (monetary policy) के फैसलों पर असर पड़ सकता है।
यूएस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के भारत के लिए क्या मायने हैं?
- दुनिया
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- 29 Mar, 2025
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी क्या हुई, भारत में उन्हें मोदी का मित्र, भारत का मित्र कह कर प्रचारित किया जा रहा है। भारतीय मीडिया का एक बड़ा हिस्सा ट्रंप को भारत का मित्र साबित करने के लिए ट्रंप के वीडियो को तोड़मरोड़ कर पेश करने से परहेज नहीं कर रहा है। लेकिन ट्रंप की भारत के लिए वीजा नीति, भारत सहित तमाम देशों की चीजों पर भारी भरकम टैरिफ (टैक्स), इमीग्रेशन नीति आदि ऐसे मुद्दे हैं, जिसमें ट्रंप भारत को भी कोई रियायत नहीं देंगे। जानिए कि ट्रंप की जीत का भारत के लिए क्या मायने हैंः
