इज़राइल ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ राजनयिक रिश्तों की स्थापना करने और जनता और सरकारी स्तर पर दिवपक्षीय सहयोग के कई समझौतों का एलान कर अरब कौम में एक बड़ी सेंध लगाई है। इसके पहले इज़राइल ने 1979 में मिस्र और 1994 में जोर्डान के साथ राजनयिक रिश्तों की स्थापना कर अरब दुनिया में फूट डाली थी लेकिन खाड़ी के अरब मुल्कों में संयुक्त अरब अमीरात पहला देश है जिसके साथ इज़राइल ने इस तरह का राजनयिक समझौता कर व्यावहारिक तौर पर अपने अस्तित्व को राजनयिक मान्यता मज़बूत की है। ख़ासकर तब जब अधिकतर अरब मुल्क इज़राइल के साथ रिश्ते नहीं रखना चाहते।
इज़राइल ने खाड़ी में लगाई बड़ी सेंध
- दुनिया
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- 14 Aug, 2020

इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच समझौता हुआ है। देखना यह है कि संयुक्त अरब अमीरात के बाद अब अरब दुनिया में ईरान विरोधी मुल्क संयुक्त अरब अमीरात की राह पर कब से चलने लेगेंगे। पर इतना तो तय है कि इज़राइल – संयुक्त अरब अमीरात समझौता से आने वाले दिनों में अरब और खाड़ी के मुल्कों के रिश्तों में नये समीकरण बनेंगे।
इस समझौते से इज़राइल के क़ब्ज़े वाले फलस्तीनी इलाक़ों को मुक्त कराने और पूर्वी यरुशलम को राजधानी बना कर स्वतंत्र फलस्तीन के लिये चलाए जा रहे आन्दोलन को एक बड़ा धक्का लगा है।