हवाई हमलों के बावजूद अफ़ग़ान सेना तालिबान के साथ लड़ाई में बुरी तरह पिछड़ रही है और एक के बाद एक इलाक़े इसके हाथों से निकलते जा रहे हैं।
रविवार को तालिबान ने उत्तरी शहरों कुंदूज़, सर-ए-पुल और तालोक़ान पर क़ब्ज़ा कर लिया। ताजिकिस्तान से सटे प्रांत निमरुज़ की राजधानी जरंज पर उनका क़ब्ज़ा दो दिन पहले यानी शुक्रवार को ही हो गया था।
बीबीसी ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि स्वतंत्र सूत्रों से इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है, लेकिन अफ़ग़ान सेना ने इससे इनकार भी नहीं किया है। राष्ट्रीय अफ़ग़ान सेना ने कहा है कि इन चारों शहरों को जल्द ही तालिबान के क़ब्ज़े से छुड़ा लिया जाएगा।
सामरिक महत्व
समझा जाता है कि राष्ट्रीय सेना इन इलाक़ों में हवाई हमला करेगी। इसके पहले के हवाई हमलों में तालिबान के लड़ाके बड़ी तादाद में मारे गए थे।
इसके बावजूद वे आगे बढते गए और सेना को पीछे धकेलते गए। इस तरह तालिबान ने कुंदूज़, सरा-ए-पुल, जरंज और तालोक़ान जैसे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चार शहरों पर क़ब्ज़ा कर लिया है जो बहुत बड़ी बात है।
ये चारों प्रांत तजिकिस्तान और कज़ाख़स्तान से सटे इलाक़ों में हैं। इन पर क़ब्ज़ा का अर्थ यह हुआ कि लगभग पूरा उत्तरी इलाक़ा अफ़ग़ान सेना के हाथ से निकल चुका है।
क्या कहा है तालिबान ने?
बीबीसी के मुताबिक़, रविवार सुबह अफ़ग़ानिस्तान तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया कि तालिबान ने कुंदूज़ और सर-ए-पुल के सभी सरकारी कार्यालयों पर क़ब्ज़ा कर लिया है।
मुजाहिद ने कहा, "तालिबान लड़ाकों ने सिलसिलेवार हमले किए और रविवार सुबह राजधानियों पर क़ब्ज़ा कर लिया।"
वहीं समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़, कुंदूज़ की प्रांतीय परिषद के सदस्य अमरुद्दीन वली ने कहा है कि 'शहर के अलग-अलग हिस्सों में भीषण लड़ाई चल रही है।'
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एएफ़पी से बात करते हुए कुंदूज़ के एक नागरिक अब्दुल अजीज़ ने कहा, ''तालिबान शहर के मुख्य चौराहे पर पहुँच गए हैं। भीषण बमबारी की जा रही है. चारों तरफ़ हाहाकार मचा है।''
बता दें कि अमेरिकी सेना के अफ़ग़ानिस्तान से पूरी तरह वापसी की घोषणा करने के बाद तालिबान ने इस साल मई में अफ़ग़ानिस्तान के इलाक़ों पर कब्ज़ा करना शुरू किया था।
कुंदूज़ उनकी अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है।
क़रीब 2 लाख 70 हज़ार की आबादी के इस शहर को देश के उत्तरी हिस्से का गेटवे भी कहा जाता है। अफ़ग़ानिस्तान के उत्तरी प्रांत में खनिजों के भंडार हैं।
कुंदुज़ की भोगौलिक स्थिति इसे बेहद अहम बनाती है क्योंकि यहाँ से राजधानी काबुल समेत देश के अन्य बड़े शहरों को जोड़ने वाले हाइवे गुज़रते हैं। कुंदुज़ प्रांत की सीमा तज़िकिस्तान से लगी हुई है।
कुंदूज़ पर क़ब्ज़े का मतलब है ड्रग तस्करी के सबसे अहम रास्ते पर क़ब्ज़ा करना।
कुंदूज़ का अफ़ग़ानिस्तान के लिए सांकेतिक महत्व भी है क्योंकि 2001 से पहले यही शहर अफ़ग़ानिस्तान का गढ़ था।
तालिबान ने साल 2015 और 16 में भी इस शहर पर क़ब्ज़ा किया था लेकिन वो अपना नियंत्रण बरक़रार नहीं रख सके थे।
तज़िकिस्तान से लगी सीमा से ही अफग़ानिस्तान की अफ़ीम और हेरोइन की मध्य एशिया के देशों में तस्करी होती है। यहाँ से ये यूरोप पहुँचती हैं।
शेबरघ़ान पर सेना की बमबारी
दूसरी ओर, अफ़ग़ानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के उप प्रवक्ता फ़वाद अमान ने दावा किया है कि अमेरिकी बमवर्षक विमान बी-52 ने जोवज़्जान प्रांत की राजधानी शेबरघ़ान में तालिबान के ठिकानों पर बमबारी की है। अफ़ग़ान सेना इस शहर को तालिबान से वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन हवाई हमलों में तालिबान के ठिकानों और सभाओं को निशाना बनाया गया और इनमें कम से कम 200 तालिबान के लड़ाके मारे गए हैं।
फ़वाद ने बीबीसी से कहा कि पिछले चौबीस घंटों में तालिबान के 572 लड़ाके मारे गए हैं और 309 घायल हुए हैं।
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