ओमिक्रॉन वैरिएंट पर कोरोना वैक्सीन के कारगर नहीं होने की आ रही रिपोर्टों के बीच अब अच्छी ख़बर आई है। शोध में पता चला है कि भले ही वैक्सीन की रूटीन खुराक ओमिक्रॉन के ख़िलाफ़ पर्याप्त सुरक्षा नहीं देती हैं, लेकिन इसकी बूस्टर खुराक से सुरक्षा बढ़ जाती है।
यह शोध अमेरिका में हुआ है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल (एमजीएच), हार्वर्ड और एमआईटी के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है। इसमें पता चला कि नियमित खुराक के साथ ओमिक्रॉन वैरिएंट के ख़िलाफ़ एंटीबॉडी कम या फिर बिल्कुल ही अनुपस्थित रही।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में तीन स्वीकृत कोरोना टीकों- मॉडर्ना, फाइजर-बायोएनटेक और जॉनसन एंड जॉनसन में से कोई भी अपनी नियमित खुराक से ओमिक्रॉन वैरिएंट के ख़िलाफ़ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं, लेकिन बूस्टर खुराक से सुरक्षा बढ़ जाती है। मॉडर्ना और फाइजर-बायोएनटेक के टीके दो खुराक में लेने होते हैं, जबकि जॉनसन एंड जॉनसन सिंगल खुराक वैक्सीन है।
अमेरिका के एक शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कहा है कि भले ही अन्य वैरिएंट की तुलना में थोड़ी कमजोर हो, मौजूदा टीकों की बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन वैरिएंट के ख़िलाफ़ प्रभावी थी। उन्होंने कहा कि सभी को टीकाकरण की आवश्यकता के बारे में समझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस स्तर पर ओमिक्रॉन आधारित वैक्सीन विकसित करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार फाउची ने कहा, 'हमारी बूस्टर वैक्सीन ओमिक्रॉन के ख़िलाफ़ काम करती है। इस वक़्त, एक ख़ास प्रकार की बूस्टर की कोई आवश्यकता नहीं है... यदि आप बिना टीकाकरण के हैं, तो आप बहुत कमजोर हैं - न केवल मौजूदा डेल्टा के केसों का हम अनुभव कर रहे हैं, बल्कि ओमिक्रॉन का भी।'
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है। इसने यह भी कहा है कि ओमिक्रॉन टीके के असर को कम करता है।
हालांकि, इसके साथ ही शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि इस वैरिएंट के कम गंभीर लक्षण दिखते हैं।
डब्ल्यूएचओ के इस दावे से पहले वैक्सीन निर्माता फाइजर-बायोएनटेक ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनकी वैक्सीन की तीन खुराक अभी भी ओमिक्रॉन के ख़िलाफ़ प्रभावी हैं।
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