गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़ने, राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने और राजपक्षे परिवार को सत्ता से दूर करने के बाद भी विरोध-प्रदर्शन जारी है। हालात ऐसे हैं कि फिर से आपातकाल लगाना पड़ा है। वह भी तब जब नये राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। तो सवाल है कि प्रदर्शनकारी आख़िर चाहते क्या हैं? क्या सिर्फ़ राष्ट्रपति का इस्तीफा या राजपक्षे परिवार से सत्ता छीना जाना? या फिर वे उस व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं जिसकी वजह से राजपक्षे परिवार इतना ताक़तवर हो गया था, सत्ता का एकमात्र केंद्र हो गया था और हर फ़ैसले वहीं से लिए जाते थे?