गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़ने, राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने और राजपक्षे परिवार को सत्ता से दूर करने के बाद भी विरोध-प्रदर्शन जारी है। हालात ऐसे हैं कि फिर से आपातकाल लगाना पड़ा है। वह भी तब जब नये राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। तो सवाल है कि प्रदर्शनकारी आख़िर चाहते क्या हैं? क्या सिर्फ़ राष्ट्रपति का इस्तीफा या राजपक्षे परिवार से सत्ता छीना जाना? या फिर वे उस व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं जिसकी वजह से राजपक्षे परिवार इतना ताक़तवर हो गया था, सत्ता का एकमात्र केंद्र हो गया था और हर फ़ैसले वहीं से लिए जाते थे?
श्रीलंका: राष्ट्रपति के हटने के बाद भी प्रदर्शन क्यों; शासन प्रणाली बदलेगी?
- दुनिया
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- 18 Jul, 2022

श्रीलंका में क़रीब तीन महीने पहले शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन ख़त्म क्यों नहीं हो रहा है? गोटाबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद भी प्रदर्शनकारियों की आख़िर अब क्या मांगें हैं कि फिर से इमरजेंसी लगानी पड़ी?
श्रीलंकाई प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति पद को समाप्त करके व्यवस्था के पूर्ण परिवर्तन के लिए अपना संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है।
सरकार विरोधी प्रदर्शन 9 अप्रैल को राष्ट्रपति कार्यालय के पास शुरू हुआ और बिना किसी रुकावट के जारी है। राजधानी में तीन सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक भवनों पर कब्जा करने के बाद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति कार्यालय के अलावा उनमें से कुछ को खाली कर दिया है।
देश से भाग चुके राजपक्षे ने शुक्रवार को औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। प्रदर्शनकारियों के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे उनका अगला निशाना हैं और उन्हें हटाने का अभियान शुरू हो चुका है। प्रदर्शनकारी अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।