हिंसा। आगजनी। मौत। राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू। देखते ही गोली मारने के आदेश। श्रीलंका में पिछले कुछ समय से ऐसे ही अप्रत्याशित घटनाएँ घट रही हैं। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को इस्तीफ़ा देना पड़ा और अब वह भागते फिर रहे हैं। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफ़े की मांग की जा रही है और विरोध-प्रदर्शनों में 'गो होम गोटा' यानी पद छोड़कर घर जाओ गोटाबाया के नारे लग रहे हैं। दरअसल, देश में अभूतपूर्व आर्थिक और राजनीतिक संकट के बाद से ऐसे हालात बने हैं। महंगाई चरम पर है। बिजली संकट है। खाने का संकट है। और इसके बाद से ही हर रोज़ अप्रत्याशित घटनाएँ घट रही हैं। तो सवाल है कि श्रीलंका में ऐसा क्या हो गया कि वह इतिहास के अपने सबसे ख़राब दौर से गुजर रहा है? आख़िर श्रीलंका की ऐसी हालत क्यों हुई? ताक़तवर राजपक्षे परिवार निशाने पर क्यों है?
जानिए, राजपक्षे परिवार के नियंत्रण में श्रीलंका कंगाल कैसे हो गया
- दुनिया
- |
- 11 May, 2022
श्रीलंका की जो हालत आज है उसकी पटकथा क्या 2019 में ही लिखी जा चुकी थी? 2019 के चुनाव से पहले ही तत्कालीन वित्त मंत्री ने किस आधार पर घोषणा कर दी थी कि देश कंगाल हो जाएगा?

आम तौर पर श्रीलंका की इस हालत के लिए 2019 के बाद के घटनाक्रमों को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। आर्थिक मामलों के जानकार भी और राजनीतिक मामलों के जानकार भी श्रीलंका के दिवालियेपन के पीछे यही वजह बता रहे हैं। 2019 ही वह साल है जब मौजूदा राजपक्षे सरकार सत्ता में आई थी। अब जो श्रीलंका की हालत है, उसके लिए इस परिवार के शासन के तौर-तरीक़ों पर सवाल उठाया जा रहा है। कहा तो यह जा रहा है कि इसकी पटकथा 2019 में ही तब लिख दी गई थी जब चुनाव होने वाले थे।