जिनेवा स्थित प्रेस एम्बलम कैंपेन (पीईसी) ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन में 3,000 विदेशी पत्रकार काम कर रहे हैं, लेकिन 24 फरवरी से रूस अब तक 6 पत्रकारों को मार चुका है, दर्जनों घायल हुए हैं और दो का अपहरण कर लिया गया है।
अनादोलु एजेंसी ने ग्लोबल मीडिया सुरक्षा और अधिकार निकाय के हवाले से कहा कि रॉकेट हमले के बाद छर्रे से लेकर गोली लगने तक विभिन्न हालात में पत्रकार यूक्रेन में मारे गए।
मारे गए पत्रकारों में से आधे कीव के पास और इरपिन शहर के पास लड़ाई को कवर कर रहे थे।पीईसी ने कहा कि वो इन हालात पर गंभीर रूप से चिंतित है और यूक्रेन में पत्रकारों की हत्या की निंदा करता है। हम सभी संबंधित पक्षों से प्रेस की आजादी का सम्मान करने का आग्रह करते हैं।
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जिन पत्रकारों की हत्या की पुष्टि हुई है, उनमें
शकीरोव दिलेरबेक को खेरसान इलाके में 26 फरवरी को, 1 मार्च को कीव में येवेनी सकुन, 4 मार्च को मायकोलाइव में विक्टर डूडर, 13 मार्च को इरपिन में ब्रेंट रेनॉड, 14 मार्च को होरेनका में पियरे ज़करज़ेवस्की और ओलेक्ज़ेंड्रा कुर्शीनोवा को युद्ध की रिपोर्टिंग के दौरान मार डाला गया।
यूक्रेन में पीईसी के प्रतिनिधि एंड्री इनित्स्की ने कहा, अगवा किए गए पत्रकार यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्र में काम कर रहे थे, जहां रूस ने उन क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा, यूक्रेन में पत्रकारों की मुख्य जरूरतों में शरीर के लिए बुलेट और बम प्रूफ जैकेट, हेलमेट, सैटेलाइट फोन, और फर्स्ट एड किट हैं।पत्रकारों को सुरक्षित क्षेत्रों में शेल्टर की जरूरत है जहां वे कई दिनों तक एक स्थान से दूसरे स्थान पर रुक सकें।
पीईसी ने कहा कि रूसी हैकर्स ने 2, 3 और 17 मार्च को यूक्रेन के कई मीडिया आउटलेट्स पर हमला किया था।
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