बिहार के बेतिया में शनिवार को पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत हो गई। परिजनों ने जब आरोप लगाया कि हिरासत में बेरहमी से पिटाई के कारण ऐसा हुआ है तो पुलिस ने कहा कि युवक की मौत पुलिस की पिटाई से नहीं बल्कि मधुमक्खियों के काटने से हुई है।
यह मामला परिजनों के आरोपों और पुलिस की सफ़ाई तक नहीं रुकी। हिरासत में युवक की मौत के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हो गई और इसमें एक पुलिसकर्मी की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए हैं।
पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत पर ग़ुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार को बेतिया में बलथर थाने के परिसर में पुलिस पर पथराव किया और कई पुलिस वाहनों को आग लगा दी। भीड़ द्वारा हवा में गोलियाँ चलाने की घटना भी हुई। इस हिंसा में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई।
हालाँकि उन्होंने उन रिपोर्टों का खंडन किया है कि युवक की मौत पुलिस हिरासत में पीटे जाने से हुई है। 'दैनिक भास्कर' की रिपोर्ट के अनुसार बेतिया एसपी ने कहा कि थाना परिसर में मधुमक्खी का छत्ता लगा था जहाँ मधुमक्खी के काटने से युवक की तबीयत ख़राब हो गई। उन्होंने कहा है कि अस्पताल ले जाने के दौरान युवक की मौत हो गई। एसपी ने कहा कि लेकिन गांव में ये अफवाह उड़ गई कि पुलिस की पिटाई से युवक की मौत हो गई, इस बात से गांव के लोग उग्र हो गए और थाने पर धावा बोल दिया।
हिरासत में जिसकी मौत हुई है उसकी पहचान अनिरुद्ध यादव के रूप में हुई है। शनिवार दोपहर पुलिस गश्ती के दौरान डीजे बजाने पर आरोपी को थाने ले गई थी। पुलिस की कथित पिटाई की वजह से उसकी मौत होने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों ग्रामीणों के साथ परिजनों ने बलथर थाना को घेर लिया।
मधुमक्खियों के काटने के दावे पर अभ सवाल उठाए जा रहे हैं कि आख़िर थाने में क्या इतनी हालत ख़राब थी कि मधुमक्खियों ने छत्ते बना लिए और उनकी सफ़ाई नहीं होती थी? इसी तरह के सवाल तब भी पूछे गए थे जब थानों में तर्क दिए गए थे कि लाखों लीटर शराब चूहे पी गए थे। मई 2017 में पुलिस ने कुछ ऐसा ही दावा किया था। तब पटना नगर निगम चुनावों को देखते हुए सभी थानेदारों की बैठक थी। इसमें एसएसपी ने जब पूछा था कि शराबबंदी में पकड़ी गई लाखों लीटर शराब कहाँ गायब हो गयी तो थानेदारों ने दावा किया था कि शराब को चूहे पी गए थे!
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