भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की जेल में हत्या करने वाले पाकिस्तानी अंडरवर्ल्ड डॉन की रविवार को लाहौर में दो अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी। पीटीआई ने यह ख़बर सूत्रों के हवाले से दी है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के वांछित अंडरवर्ल्ड डॉन में से एक अमीर सरफराज उर्फ तांबा पर लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने हमला किया। गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया।
पंजाब निवासी सरबजीत सिंह को जासूसी के आरोप और 1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बम विस्फोटों में कम से कम 14 पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। इस दावे का उनके परिवार और भारतीय अधिकारियों ने जोरदार खंडन किया था। सरबजीत सिंह के परिवार का दावा है कि वह खेती के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा पार कर गए थे।
पाकिस्तानी जेल में दो दशक से अधिक समय बिताने के बाद सरबजीत सिंह की मई 2013 में मृत्यु हो गई थी। उन्हें 23 साल तक लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया था। सरबजीत पर कुछ कैदियों ने हमला किया था, जिसमें कथित तौर पर अमीर सरफराज भी शामिल था।
जेल के अंदर कैदियों द्वारा हमले के कारण लगभग एक सप्ताह तक कोमा में रहने के बाद 49 वर्षीय सरबजीत सिंह ने 2 मई 2013 को दम तोड़ दिया था। रिपोर्टों में कहा गया था कि अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई।
जेल में सरबजीत सिंह पर हमला करने के आरोप में अमीर सरफराज और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। हालाँकि, सरफराज को उनके खिलाफ सबूतों की कमी का हवाला देते हुए 2018 में एक पाकिस्तानी अदालत ने बरी कर दिया था। सरफराज लाहौर का रहने वाला था और वह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक का करीबी सहयोगी था।
सरफराज की हत्या की यह ख़बर तब आई है जब इसी महीने ब्रिटिश अखबार द गार्डियन में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पाकिस्तान में आतंकियों के खात्मे के लिए भारत टारगेटेड हत्याएँ करवा रहा है। हालाँकि भारत सरकार ने इन दावों को खारिज कर दिया।
द गार्डियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि द गार्डियन से बात करने वाले भारतीय और पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के अनुसार, भारत सरकार ने विदेशी धरती पर रहने वाले आतंकवादियों को खत्म करने की एक व्यापक रणनीति के तहत पाकिस्तान में लोगों की हत्या की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के खुफिया अधिकारियों के साथ साक्षात्कार और पाकिस्तानी जांचकर्ताओं द्वारा साझा किए गए दस्तावेज़, इस बात के संकेत देते हैं कि कैसे भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने 2019 के बाद कथित तौर पर विदेशों में हत्याएं करना शुरू कर दिया।
पाकिस्तान में टारगेटेड हत्याओं के पीछे अपना हाथ होने से भारत ने साफ़ तौर पर इंकार किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गार्डियन की रिपोर्ट में लगाए गए उन आरोपों को झूठा और एंटी-इंडिया प्रोपेगेंडा कहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया 4 अप्रैल को ब्रिटिश अखबार द गार्डियन में छपी उस रिपोर्ट के बाद आयी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन सभी आरोपों का खंडन करते हुए इन्हें 'झूठा, दुर्भावनापूर्ण और भारत विरोधी प्रचार' करार दिया है। वहीं भारत सरकार के अधिकारियों ने इनमें से किसी भी हत्या में शामिल होने से लगातार इनकार किया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही कह चुके हैं कि किसी भी दूसरे देश में टारगेटेड हत्याएँ कराना भारत सरकार की नीति नहीं है।
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