आज से ठीक एक महीना पहले 24 फ़रवरी को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तो उसने यह नहीं सोचा होगा कि 24 मार्च को भी उसे इस रूप में संघर्ष करना पड़ेगा। रूसी सैनिक यूक्रेनी सैनिकों के सामने अभी भी संघर्ष कर रहे हैं और यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने की तो बात ही दूर खारकीव जैसे शहरों पर भी कब्जा नहीं कर पाये हैं।
यूक्रेन में रूस के फँसने की छह बड़ी वजहें
- दुनिया
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- 24 Mar, 2022

रूस जैसा हथियारों और सैनिकों से संपन्न देश यूक्रेन में एक महीने के युद्ध में भी कोई कामयाबी हासिल क्यों नहीं कर पाया? जानिए, छह बड़े कारण।
रूस (पूर्व सोवियत संघ का अहम देश) एक समय अमेरिका और नाटो के सामने दशकों तक चट्टान की तरह खड़ा रहा। नाटो के ख़िलाफ़ रूस की 'हाइब्रिड वार' तकनीक काफ़ी प्रसिद्ध है। इस तकनीक का बड़ा हिस्सा यूक्रेन में इस्तेमाल किया जा रहा है। रिपोर्ट है कि रूस ने 1.5-1.9 लाख सैनिक यूक्रेन में उतारे हैं। उन्नत हथियारों का इस्तेमाल किया है। इसके बावजूद मारियुपोल की चल रही घेराबंदी के अलावा रूसी सैनिक यूक्रेन के किसी भी बड़े शहर पर कब्ज़ा करने में विफल क्यों रहे हैं? आख़िर रूस या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की चूक कहाँ हुई?