श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें राष्ट्रपति आवास में लाखों रुपये मिले हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में लोग सरकार के ख़िलाफ़ आर्थिक संकट को लेकर ही प्रदर्शन कर रहे हैं। देश में नकदी संकट है और उसे कच्चे तेल खरीदने के भी पैसे नहीं हैं। इस संकट को लेकर ही प्रदर्शन शुरू हुआ है और वे प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक के इस्तीफे की मांग करते रहे हैं। अब राष्ट्रपति ने भी इस्तीफ़े की घोषणा कर दी है। हालाँकि भारी विरोध को देखते हुए राष्ट्रपति भाग गए हैं और फ़िलहाल उनके ठिकाने का पता नहीं है।
प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर कब्जा जमाए हुए हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति भवन के वायरल वीडियो में से एक में कुछ लोगों को नोट गिनते देखा जा सकता है। रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास के अंदर लाखों रुपये बरामद करने का दावा किया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में जिन नोटों को गिनते हुए देखा गया है, उसके बारे में रिपोर्ट है कि उन नोटों को पुलिस को सौंप दिया गया है। डेली मिरर अख़बार ने ख़बर दी है कि बरामद धन को सुरक्षा इकाइयों को सौंप दिया गया। सोशल मीडिया पर भी कुछ ऐसा ही दावा किया गया है।
Protesters returned all these money to the Police without looting it. And you saying protesters set fire to RW’s house? pic.twitter.com/ug6TuTdjqJ
— Priyanga|CrewForShoots (@crewforshoots) July 10, 2022
अख़बार की रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों ने कहा कि वे प्रासंगिक तथ्यों की जांच के बाद जमीनी स्थिति की घोषणा कर सकेंगे।
सरकार विरोधी सैकड़ों प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स तोड़ने के बाद शनिवार को मध्य कोलंबो के उच्च सुरक्षा वाले राजपक्षे के आवास में घुस गए। शनिवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रपति के घर के अंदर एक फेसबुक लाइवस्ट्रीम में सैकड़ों प्रदर्शनकारी दिखे थे। वीडियो फुटेज में उनमें से कुछ को स्विमिंगपूल में नहाते देखा गया तो अन्य बिस्तर और सोफे पर बैठे दिखे। कुछ को किचेन में तो कुछ को संदूकें खोलते देखा गया। प्रदर्शनकारियों का एक और समूह प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में घुस गया और उसमें आग लगा दी।
1948 में ब्रिटेन से आज़ादी के बाद से श्रीलंका सबसे ख़राब आर्थिक संकट से गुजर रहा है और विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी से निपटने के लिए कम से कम 4 बिलियन अमरीकी डॉलर की ज़रूरत है।
अब इस संकट से उबारने के लिए आईएमएफ़ बेलआउट जैसे कुछ क़दम उठा सकता है, लेकिन इसके लिए भी हालात अनूकुल होने चाहिए।
आईएमएफ़ ने उम्मीद जताई है कि नकदी संकट का सामना कर रहे इस देश में आईएमएफ़ समर्थित कार्यक्रम पर बातचीत को फिर से शुरू करने की अनुमति देने के लिए राजनीतिक संकट जल्द ही हल हो जाएगा।
बता दें कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों की अनुपस्थिति में संसद के अध्यक्ष कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाएँगे। बाद में नए राष्ट्रपति का चुनाव होना चाहिए। मौजूदा प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। इससे पहले मई में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के बड़े भाई और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को सरकार विरोधी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के कारण पद छोड़ना पड़ा था।
महिंदा और गोटाबाया राजपक्षे भाइयों को श्रीलंका में कई लोगों ने लिट्टे के खिलाफ गृहयुद्ध जीतने के लिए नायकों के रूप में सम्मानित किया था, लेकिन अब उन्हें देश के सबसे खराब आर्थिक संकट के लिए दोषी ठहराया जा रहा है।
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