हमास द्वारा संचालित ग़ज़ा सरकार ने कहा है कि इसराइल ने ग़ज़ा पट्टी में विस्थापित लोगों को आश्रय देने वाली एक मस्जिद और एक स्कूल को निशाना बनाकर हमले किए। उसने कहा है कि रविवार सुबह किए गए इन हमलों में 24 लोग मारे गए हैं और क़रीब 100 लोग घायल हुए हैं।
हमास द्वारा संचालित ग़ज़ा सरकार के मीडिया कार्यालय के अनुसार, ये हमले रविवार सुबह गज़ा पट्टी में विस्थापित लोगों को आश्रय देने वाली जगहों पर हुए। अपने बयान में इसराइली सेना ने दावा किया कि उसने 'हमास आतंकवादियों पर सटीक हमले' किए, जो इब्न रुश्द स्कूल और देइर अल-बलाह में शुहादा अल-अक्सा मस्जिद में स्थित कमांड और नियंत्रण केंद्रों के भीतर काम कर रहे थे।
इसराइल ने तीन दिन पहले ही गुरुवार को दावा किया था कि उसने फिलिस्तीन में हमास के तीन वरिष्ठ नेताओं को मार गिराया है। इसमें ग़ज़ा सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा भी शामिल हैं। इसराइली सेना ने कहा कि तीनों नेताओं ने उत्तरी ग़ज़ा में एक कड़ी सुरक्षा वाले अंडरग्राउंड परिसर में शरण ली थी, जो उनका कमांड और नियंत्रण केंद्र भी था।
ऑपरेशन के बारे में इसराइली सेना आईडीएफ ने कहा कि उत्तरी ग़ज़ा में एक भूमिगत परिसर पर हमले में रावी मुश्तहा और दो अन्य हमास कमांडरों, समेह सिराज और सामी औदेह की मौत हो गई।
सेना ने एक बयान में कहा था, 'मुश्ताहा हमास के सबसे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में से एक था और हमास की सेना की तैनाती से संबंधित निर्णयों पर उसका सीधा प्रभाव था।' सेना ने मुश्ताहा को हमास के शीर्ष नेता याह्या सिनवार का दाहिना हाथ बताया। 2015 में अमेरिकी विदेश विभाग ने मुश्ताहा को 'विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी' के रूप में बताया था। यूरोपीय विदेश संबंध परिषद ने मुश्ताहा को हमास के ग़ज़ा पोलित ब्यूरो का सदस्य बताया था जो इसके वित्तीय मामलों की भी देखरेख करता था।
आईडीएफ़ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, 'लगभग 3 महीने पहले ग़ज़ा में आईडीएफ़ और आईएसए के संयुक्त हमले में इन आतंकवादियों को मार गिराया गया था: ग़ज़ा में हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा, हमास के राजनीतिक ब्यूरो और हमास की श्रम समिति में सुरक्षा पोर्टफोलियो रखने वाले समेह अल-सिराज, हमास के सामान्य सुरक्षा तंत्र के कमांडर सामी औदेह।'
हमास द्वारा इसराइल पर अभूतपूर्व हमला करने के बाद लगभग एक साल से मध्य पूर्व में गंभीर सुरक्षा स्थिति बनी हुई है। इस हमले में लगभग 1200 लोग मारे गए और 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया। इस हमले के बाद ग़ज़ा में युद्ध छिड़ गया जिसमें 41000 से अधिक लोग मारे गए।
बेरूत में में बड़े धमाके
इधर, इसराइल ने लेबनान में अपनी बमबारी तेज कर दी है। बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में शनिवार देर रात शक्तिशाली विस्फोट हुए। इसराइली रक्षा बलों ने अब तक चल रहे जमीनी अभियानों के दौरान 400 से अधिक हिजबुल्लाह आतंकवादियों को मारने का दावा किया है। विस्फोट आधी रात के क़रीब शुरू हुए और रविवार को भी जारी रहे। इसराइल ने पहली बार हमास के लड़ाकों को भी निशाना बनाया, उत्तर में एक फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर पर हमला किया। इस बीच, शनिवार को यूरोप और दुनिया भर के प्रमुख शहरों में हजारों की संख्या में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर युद्ध विराम की मांग की।
लंदन में हजारों लोगों ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में राजधानी से डाउनिंग स्ट्रीट तक मार्च किया। जर्मनी के हैम्बर्ग में, लगभग 950 लोगों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया, जिनमें से कई ने फिलिस्तीनी झंडे लहराए।
अपनी राय बतायें