पाकिस्तान के पूर्व वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान पर हमले के बाद उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ यानी पीटीआई गुरुवार को एक बार फिर आजादी मार्च शुरू करने जा रही है। इमरान खान ने लोगों से अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग इस आजादी मार्च में शामिल हों। आजादी मार्च वजीराबाद में वहीं से शुरू होगा, जहां पर इमरान पर हुए हमले के बाद इसे रोका गया था।
इमरान खान 14 नवंबर को रावलपिंडी में इस आज़ादी मार्च में शामिल होंगे। इमरान पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ हुकूमत के लिए उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना बेहद जरूरी होगा।
हमले के बाद इमरान ने कहा था कि अगर मोअज्जम और इब्तिशाम ना होते तो इसमें कई और लोग घायल हो सकते थे। उन्होंने कहा कि पूरी घटना के दौरान 11 लोगों को गोलियां लगी हैं और एक शख्स की मौत हो गई।
पीटीआई का जोरदार प्रदर्शन
इमरान खान पर हमले के बाद पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने मुल्क में जोरदार प्रदर्शन किए हैं। कराची, फैसलाबाद, रावलपिंडी, क्वेटा, लाहौर सहित कई बड़े शहरों में पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर मौजूदा हुकूमत के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की है। पीटीआई की मांग है कि मुल्क में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने चाहिए।
इमरान खान ने हमले के लिए वज़ीर-ए-आज़म शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक मेजर जनरल फैसल नसीर का नाम लेकर जाहिर कर दिया है कि वह चुनाव का एलान नहीं होने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस साल अप्रैल में अपनी हुकूमत के गिरने के बाद से ही इमरान ने पाकिस्तान में बेहद ताकतवर आर्मी और मुल्क की मौजूदा हुकूमत के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।
पीटीआई ने FIR को नकारा
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद इमरान खान पर हुए हमले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर को पीटीआई ने नकार दिया था। पीटीआई ने कहा था कि एफआईआर में वज़ीर-ए-आज़म शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक मेजर जनरल फैसल नसीर का नाम नहीं है, इसलिए वह इस एफआईआर को पूरी तरह खारिज करती है।
आर्मी को दे रहे चुनौती
इमरान खान आर्मी से सीधी लड़ाई छेड़ चुके हैं। इमरान खान के द्वारा पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा पर किए जा रहे लगातार हमलों का मुद्दा इतना गंभीर है कि पाकिस्तान में पहली बार वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को प्रेस कॉन्फ्रेन्स करनी पड़ी। इसके साथ ही इमरान शहबाज शरीफ की हुकूमत से भी भिड़ रहे हैं।बताना होगा कि आर्मी ने ही इमरान खान को पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म के पद पर बैठाया था और कहा जाता है कि आर्मी ने ही उन्हें हटा दिया।
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