loader

प्रदर्शनकारी शेख हसीना के बिस्तर पर पोज देते, किचन में लंच करते दिखे...

बांग्लादेश में सोमवार को बिल्कुल वैसी ही तस्वीरें दिखीं जैसी दो साल पहले श्रीलंका में दिखी थीं। तीन साल पहले भारत के एक और पड़ोसी अफ़ग़ानिस्तान में भी इसी तरह की तस्वीरें दिखी थीं। भारी विरोध-प्रदर्शन और हिंसा के बीच बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने जैसे ही इस्तीफा देकर देश छोड़ा, प्रदर्शनकारियों की भीड़ उनके आवास में घुस गई। 

कोई उनके बिस्तर पर लेटकर पोज देते दिखा तो कुछ ने किचन में लजीज भोजन करने का वीडियो बनाया। प्रदर्शनकारियों को मछली और बिरयानी खाते हुए भी देखा गया। उनमें से कुछ लोग प्रधानमंत्री की साड़ियाँ और शानदार सूटकेस लेकर भाग गए।

शेख हसीना ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है और उनके इस्तीफे की मांग को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने मीडिया को बताया कि सेना अंतरिम सरकार बनाएगी और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति के रास्ते पर लौटने की अपील की है।

इससे पहले दोपहर में हसीना के देश छोड़ने की ख़बर आई। फिर सेना ने कहा कि वह इस्तीफ़ा देकर गुमनाम जगह पर चली गई हैं। और इस बीच प्रदर्शनकारी पीएम आवास में घुसते दिखे। 

ढाका से आ रही तस्वीरों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर हसीना सरकार के पतन का जश्न मनाते और नारे लगाते हुए दिखाई दिए। हज़ारों लोग प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 'गणभवन' पर जीत का निशान दिखाते हुए घुस गए।
सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में गणभवन के ड्राइंग रूम में भीड़ देखी गई। कुछ लोग देश की सबसे सुरक्षित इमारतों में से एक से टीवी, कुर्सियां ​​और मेजें ले जाते नजर आए। प्रदर्शनकारियों को हसीना के आवास को लूटते और रसोई तथा रेफ्रिजरेटर से मछली तथा बिरयानी का स्वाद लेते देखा जा सकता है। 
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के नायक शेख मुजीबुर रहमान की एक बड़ी प्रतिमा पर चढ़कर उसे नष्ट करने की कोशिश की। 

सरकारी कार्यालयों और अन्य इमारतों से शेख हसीना के चित्र हटाए जाने पर उत्साहित प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाकर और तालियां बजाकर जश्न मनाया। प्रदर्शनकारी संसद भवन में भी घुसे। 

श्रीलंका में भी ऐसे ही हालात दिखे थे

बता दें कि क़रीब दो साल पहले ऐसी ही तस्वीरें श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन से भी आई थीं। 2022 में श्रीलंका सरकार ने जब ऐलान किया था कि देश दिवालिया हो गया तो हजारों की संख्या में श्रीलंकाई सड़कों पर उतर आए। कोलंबो में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भवन को घेर लिया। गोटबाया को भागना पड़ा। गुस्साए लोगों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमा लिया था। वे कमरों में आराम करते और स्विमिंग पूल में नहाते नजर आए थे। 2021 में अफ़गानिस्तान में भी कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आई थीं। हालाँकि वहाँ के हालात थोड़े अलग थे।

दुनिया से और ख़बरें

बता दें कि बांग्लादेश में हुई ताज़ा हिंसा में कम से कम 300 लोगों की मौत के बाद अवामी लीग की सुप्रीमो शेख हसीना ने सोमवार को देश की प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। वह भारत में पहुँची हैं और उनसे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मुलाक़ात की है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें