जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने से बौखलाये पाकिस्तान की हताशा बार-बार सामने आ रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान इस मुद्दे पर भारत को कई बार परमाणु युद्ध की गीदड़ भभकी भी दे चुके हैं। इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। हालाँकि बाद में परमाणु युद्ध को लेकर इमरान को अपना बयान बदलना पड़ा था।
ऐसे समय में जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के दौरे पर हैं तो एक बार फिर पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया है। इमरान ख़ान ने ट्वीट कर कर कहा है, ‘अंतरराष्ट्रीय मीडिया हांगकांग में हो रहे प्रदर्शनों को ख़ूब कवरेज दे रहा है लेकिन वह कश्मीर में मानवाधिकारों के संकट को नज़रअंदाज कर रहा है।
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कश्मीर के मुद्दे पर अब तक पाकिस्तान की हर कोशिश नाकाम रही है। संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया के कई देशों ने उससे कहा है कि वह भारत के साथ बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दे का हल ढूंढे।
अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के भारत सरकार के फ़ैसले के तुरंत बाद आनन-फ़ानन में पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया था और पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त को वापस भेज दिया था। वह मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले गया लेकिन वहाँ से भी उसे कोई सफलता नहीं मिली। पाकिस्तान ने भारत की आज़ादी के दिन पंद्रह अगस्त को काले दिवस के तौर पर मनाया था।
ख़बरों के मुताबिक़, कुछ समय पहले टीवी चैनल अल-ज़ज़ीरा को दिये इंटरव्यू में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा था कि इस बात की पूरी संभावना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर चल रही लड़ाई परमाणु युद्ध पर आकर ख़त्म हो सकती है। इमरान ने कहा था कि इस युद्ध से होने वाली तबाही भारतीय उप महाद्वीप से आगे जाएगी।
इमरान ने इंटरव्यू में कहा था कि कोई परमाणु संपन्न देश जब अंतिम समय तक लड़ता है तो उसके गंभीर परिणाम होते हैं और अगर पाकिस्तान युद्ध में हार रहा होगा तो पाकिस्तान अपनी आज़ादी के लिए अंतिम सांस तक लड़ेगा।
भारत से नहीं करेंगे बातचीत
क्रिकेटर से राजनेता बने ख़ान ने इंटरव्यू में कहा था कि भारत के अपने संविधान से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद भारत सरकार से बात करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। इमरान ने कहा था कि भारत ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ अवैध कब्जा कर लिया है।
भारत सरकार स्पष्ट कह चुकी है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना पूरी तरह उसका आतंरिक मामला है लेकिन फिर भी पाकिस्तान दुनिया भर के देशों को इसे लेकर गुमराह कर रहा है।
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