पाकिस्तान में रविवार को निकाली गई एक रैली का वीडियो भारत में ख़ूब वायरल हो रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि इस रैली में दुनिया के कई प्रमुख नेताओं के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी पोस्टर लोगों ने लिए हुए थे। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे बेहद ख़राब रिश्तों के बीच पड़ोसी मुल्क़ में ऐसा प्रदर्शन होने से पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।
यह रैली सिंध को अलग देश बनाने की मांग को लेकर निकाली गई थी। रैली में शामिल लोग आज़ादी और सिंध को अलग करने की मांग के नारे लगा रहे थे।
प्रदर्शनकारियों का दावा था कि सिंध सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक धर्म की जगह थी जिस पर अंग्रेजों ने अवैध तरीक़े से कब्जा कर लिया था और 1947 में इसे पाकिस्तान को सौंप दिया था। उनका कहना था कि सिंध की सभ्यता, संस्कृति से इसकी एक अलग पहचान है।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सिंधियों के लिए अलग सिंधु देश बनाया जाना चाहिए। सबसे पहले सिंधु देश बनाने की मांग जीएम सैयद और पीर अली मोहम्मद रश्दी ने उठाई थी। यह रैली जीएम सैयद की 117वीं जयंती के मौक़े पर निकाली गई थी।
प्रदर्शनकारियों के हाथों में मोदी के अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सहित कई देशों के प्रमुखों की तसवीरें थीं।
मोदी ने किया था जिक्र
पाकिस्तान में लंबे वक़्त से सिंध और बलोचिस्तान को अलग देश बनाने की मांग हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल पहले लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर दिए गए संबोधन में बलोचिस्तान, गिलगित और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों का जिक्र किया था। बलोचिस्तान के लोगों ने मोदी का इसके लिए आभार जताया था।
भारत से टूटकर बने पाकिस्तान में बांग्लादेश के लोगों ने ख़ुद की आज़ादी की आवाज़ उठाई थी। 1971 में भारत ने ही उन्हें आज़ादी दिलाई थी। ऐसे में सिंध और बलोचिस्तान के लोगों की स्वाभाविक रूप से उम्मीद भारत से है कि भारत उन्हें आज़ादी दिलाने में मदद करेगा।
पहले ही परेशान हैं इमरान
पाकिस्तान की इमरान ख़ान सरकार इन दिनों वैसे ही बहुत परेशान है। विपक्षी दलों के गठबंधन प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने उसका जीना मुश्किल किया हुआ है। पीडीएम की पिछले कुछ महीनों में हुई रैलियों में बड़ी संख्या में लोग उमड़े हैं। कराची से लेकर गुजरांवाला, पेशावर से लेकर मुल्तान और लाहौर में हुई रैलियों से वज़ीर-ए-आज़म इमरान ख़ान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) बेहद परेशान है। इमरान ख़ान को सत्ता से हटाने की मांग को लेकर हो रही इन रैलियों के कारण मुल्क़ का सियासी माहौल पहले से ही गर्म है। अब 19 जनवरी को पाकिस्तान के चुनाव आयोग के बाहर प्रदर्शन होना है।
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