काबुल एयरपोर्ट पर और भी धमाकों की आशंका है। ख़ुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ही इसकी आशंका जताई है। उन्होंने शनिवार को चेताया कि अमेरिकी सैन्य कमांडरों का मानना है कि काबुल हवाई अड्डे पर घातक आत्मघाती बम विस्फोट जैसा एक और आतंकवादी हमला होने की अगले 24-36 घंटों में अत्यधिक संभावना है। आतंकवादी हमलों और इसकी आशंकाओं ने अफ़ग़ानिस्तान से विदेशी नागरिकों और देश छोड़ने को आतुर अफ़ग़ान नागरिकों को निकाले जाने की प्रक्रिया में अड़चनें पैदा की हैं।
तीन दिन पहले ही गुरुवार शाम को काबुल हवाई अड्डे के बाहर दो जबरदस्त बम धमाके हुए थे। उसमें कम से कम 170 लोगों की मौत हो चुकी है। वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 72 अफ़ग़ान नागरिक, 28 तालिबानी और 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं। अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद यह पहला कोई ऐसा हमला था।
तालिबान के काबुल में नियंत्रण करने के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देश 31 अगस्त तक अपने नागरिकों, राजनयिकों और सैनिकों को अफ़ग़ानिस्तान से निकाल लेना चाहते हैं। लेकिन इस तय सीमा तक सबको निकाले जाने में आ रही दिक्कतों के मद्देनज़र ऐसी चर्चा उठी थी कि क्या 31 अगस्त की समय सीमा को बढ़ाया जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के इस संकेत पर तालिबान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उसने कहा कि उसे उस तय सीमा को आगे बढ़ाना मंजूर नहीं है और यदि इसमें देरी होती है तो इसके नतीजे भुगतने होंगे। ये प्रतिक्रियाएँ तब आईं जब काबुल हवाईअड्डे पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है और हज़ारों लोग अभी भी देश छोड़ने के लिए बेताब हैं।
और ऐसे हालात के बीच अब काबुल एयरपोर्ट पर और आतंकी हमले की चेतावनी जारी की गई है। इस हमले की आशंका ने लोगों को अफ़ग़ानिस्तान से निकाले जाने की प्रक्रिया में बाधा पहुँचाई है। एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल में अमेरिकी दूतावास ने एक सुरक्षा अलर्ट में कहा, 'एक विशिष्ट, विश्वसनीय ख़तरे के कारण, काबुल हवाई अड्डे के आसपास के सभी अमेरिकी नागरिकों को तुरंत हवाईअड्डा क्षेत्र छोड़ देना चाहिए।'
अपने अलर्ट में अमेरिकी दूतावास ने काबुल में दक्षिण के एयरपोर्ट सर्कल गेट, हवाई अड्डे के उत्तर-पश्चिम की ओर पंजशीर पेट्रोल स्टेशन के पास के गेट पर ख़तरे की आशंका जताई है।
इन आतंकी हमलों की आशंका के बीच जो बाइडेन ने एक बयान में कहा है कि इस्लामिक स्टेट-खोरासन समूह को निशाना बनाने वाला एक अमेरिकी ड्रोन हमला अंतिम नहीं था। इसी इस्लामिक स्टेट-खोरासन समूह ने हवाई अड्डे पर गुरुवार के धमाकों की ज़िम्मेदारी ली थी। इसके बाद अमेरिका ने आईएस के ख़िलाफ़ ड्रोन से हमला किया।
बाइडेन ने कहा, 'जमीनी स्तर पर स्थिति बेहद ख़तरनाक बनी हुई है, और हवाई अड्डे पर आतंकवादी हमलों का ख़तरा बना हुआ है। हमारे कमांडरों ने मुझे सूचित किया कि अगले 24-36 घंटों में हमले की आशंका है।'
पेंटागन ने शनिवार को कहा कि उसने आत्मघाती बम विस्फोट के बदले में पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में ड्रोन हमले में दो हाई प्रोफाइल लक्ष्यों- जिहादी समूह के लॉजिस्टिक विशेषज्ञों को मार डाला और एक अन्य को घायल कर दिया। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि तथ्य यह है कि इनमें से दो व्यक्ति अब पृथ्वी से ग़ायब हो गए हैं, यह अच्छी बात है।
बता दें कि काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमले के लिए दोषियों से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बदला लेने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि वह दोषियों को ढूंढ निकालेंगे और सबक़ सिखाएँगे। ह्वाइट हाउस से जो बाइडेन का यह संबोधन तब आया था जब काबुल के उस आत्मघाती हमले में 13 अमेरिकी मारे गए।
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमले के लिए ज़िम्मेदार इस्लामिक स्टेट से जुड़े चरमपंथियों को संबोधित करते हुए कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका इस कृत्य को न तो भूलेगा और न ही माफ करेगा। उन्होंने कहा था, 'इस हमले को अंजाम देने वालों के साथ-साथ अमेरिका को नुक़सान पहुँचाने वाले किसी भी व्यक्ति को यह पता है: हम माफ नहीं करेंगे। हम भूलेंगे नहीं। हम आपका शिकार करेंगे और आपको इसका खामियाजा भुगताना होगा।'
इसके साथ ही बाइडेन ने यह भी कहा कि 'काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों में अब तक तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का कोई सबूत नहीं है।'
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