इस खबर में ऊपर लगे वीडियो के साथ इजराइली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) का संदेश पढ़िए। आई़डीएफ ने कहा है - युद्ध के अगले चरण की तैयारी में। आईडीएफ का उत्तरी गजा में ऑपरेशन।आईडीएफ टैंकों और पैदल सेना ने कई आतंकवादी ठिकानों, बुनियादी ढांचे और एंटी-टैंक मिसाइल लॉन्च पोस्टों पर हमला किया।
सैनिक तब से क्षेत्र से बाहर निकल गए हैं और इजराइली क्षेत्र में लौट आए हैं। यानी आसान भाषा में इसे इस तरह समझें कि इजराइल ने सीमित संख्या में टैंक गजा के अंदर भेजे जो तय ठिकानों पर हमले करके लौट आए हैं। पश्चिमी मीडिया ने भी इजराइली सेना के इस दावे की पुष्टि की है।
रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि इजराइली ग्राउंड फोर्सेज ने गुरुवार को उत्तरी गजा पट्टी के भीतर कार्रवाई की। पीछे हटने से पहले हमास के कई ठिकानों पर हमला किया। इजराइली सेना रेडियो ने मौजूदा युद्ध की इसे सबसे बड़ी इजराइली घुसपैठ बताया है। सेना द्वारा जारी रात भर की कार्रवाई के वीडियो में बख्तरबंद वाहनों को रेतीली सीमा क्षेत्र से आगे बढ़ते हुए दिखाया गया है। एक बुलडोजर को एक ऊंचे किनारे के हिस्से को समतल करते हुए देखा गया है, टैंक गोले दागते हैं और क्षतिग्रस्त इमारतों की एक लाइन के पास या उनके बीच विस्फोट होते देखा जा सकता है।
पश्चिमी मीडिया पर वहां के रक्षा विश्लेषकों ने अपनी त्वरित टिप्पणी में कहा है कि इजराइली सेना की यह घुसपैठ रणनीतिक है। इसीलिए इसे रात के अंधेरे में अंजाम दिया गया है। इजराइली सेना ने सीमित संख्या में टैंक भेजकर यह परखने की कोशिश की है कि वो कितना सफल रहता है। हमास इसका जवाब दे पाता है या नहीं। इसके जरिए अपने सैनिकों और हथिया के नुकसान का आकलन करने की कोशिश की गई है। रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि इस सीमित कार्रवाई का अर्थ है कि अब इजराइल गजा पर जमीनी हमला किए बिना चुप बैठने वाला नहीं है।
इससे पहले इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा था कि जमीनी हमला होगा, लेकिन कब और कैसे होगा, इस बारे में वो कुछ नहीं जानते। इजराइली मीडिया का कहना है कि जमीनी हमला शुरू करने की पूरी जानकारी सेना के तीन बड़े अफसरों और नेतन्याहू के सलाहकारों के पास ही है। यहां तक की मोर्चे पर तैनात सैन्य अधिकारी भी इस बारे में नहीं जानते हैं।
इज़राइली रक्षा बलों का कहना है कि गजा पट्टी में हमास के आतंक से जुड़े 250 से अधिक ठिकानों पर हमला किया गया।
इन ठिकानों में हमास का बुनियादी ढांचा, कमांड सेंटर, सुरंगें और रॉकेट लॉन्चर शामिल हैं।
आईडीएफ का कहना है कि रॉकेट लॉन्चर "आबादी वाले क्षेत्रों के बीचोबीच रखे गए थे, जिन्होंने पूरे युद्ध के दौरान इजरायली क्षेत्र की ओर गोलीबारी की थी।" आईडीएफ का कहना है कि नौसेना बलों ने खान यूनिस में हमास की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लॉन्च स्थल पर हमला किया। यह मिसाइल प्रक्षेपण स्थल "एक मस्जिद और किंडरगार्टन के निकट स्थित है, जो इस बात का सबूत है कि हमास जानबूझकर आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नागरिक स्थलों का उपयोग करता है।"
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