इज़राइल ने सीरिया पर हवाई हमले किए और अमेरिका ने भी। कथित तौर पर इन हमलों में ईरान समर्थित समूहों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट है कि इन हमलों में कुल 12 लड़ाके मारे गए हैं। सीरिया के सरकारी मीडिया ने दावा किया है कि इज़राइली हवाई हमलों ने दक्षिणी सीरिया में सैन्य स्थल के पास हमला किया जिसमें 3 लोगों के मारे जाने का दावा किया गया है। इसके अलावा पूर्वी सीरिया में अमेरिका ने हवाई हमले किए जिसमें नौ लोगों के मारे जाने की बात कही गई है।
पेंटागन ने बुधवार रात को कहा कि पिछले कई हफ्तों से क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों पर हमलों की बढ़ती संख्या के जवाब में अमेरिका ने पूर्वी सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों के गोदाम पर हवाई हमला किया। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि दो अमेरिकी एफ-15 लड़ाकू विमानों ने देर अल-ज़ौर में मेसुलुन के पास एक हथियार भंडारण सुविधा पर कई बम गिराए जिसका इस्तेमाल ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा किया जाता था। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स यानी एसओएचआर ने कहा है कि बुधवार के हमले में ईरान समर्थित समूहों से जुड़े नौ लोग मारे गए।
अमेरिका का मानना है कि कोई भी नागरिक नहीं मारा गया और गोदाम में मौजूद सभी लोग रिवोल्यूशनरी गार्ड या मिलिशिया समूहों से जुड़े थे। रक्षा अधिकारी के हवाले से कहा गया कि सटीक हमला जानबूझकर किया गया था और क्षेत्र में संघर्ष को बढ़ाने के लिए नहीं किया गया था।
दो सप्ताह से भी कम समय में यह दूसरी बार है कि अमेरिका ने आतंकवादी समूहों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली जगहों पर बमबारी की है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि 17 अक्टूबर के बाद से उन्होंने कम से कम 40 ऐसे हमले किए हैं।
इज़राइल का हिजबुल्लाह पर हमला
सीरिया में आधिकारिक समाचार एजेंसी SANA ने एक सैन्य सूत्र के हवाले से कहा कि इजराइली दुश्मन ने लेबनान में बालबेक की दिशा से दक्षिणी क्षेत्र में कुछ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमला किया। एक रिपोर्ट में युद्ध पर नज़र रखने वाले के हवाले से कहा गया है कि इजराइली हवाई हमलों में तीन ईरान समर्थक लड़ाके मारे गए। उन्होंने सीरिया की राजधानी दमिश्क के पास हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह से संबंधित ठिकानों पर हमला किया था।
द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स यानी एसओएचआर युद्ध मॉनिटर के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने कहा, 'अकराबा और सैय्यदा ज़ैनब के पास हिजबुल्लाह से संबंधित खेतों और अन्य साइटों पर इजराइली हमलों में तीन गैर-सीरियाई, ईरान समर्थक लड़ाके मारे गए।' हालाँकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एसओएचआर पर ग़लत रिपोर्टिंग करने का आरोप लगता रहा है।
2006 के दूसरे लेबनान युद्ध के बाद से इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच अब तनाव काफ़ी ज़्यादा बढ़ गया है। 7 अक्टूबर को हमले के बाद हमास को खत्म करने के लिए आईडीएफ द्वारा शुरू किए गए युद्ध के बाद हिज़बुल्लाह इज़राइल के खिलाफ उत्तरी मोर्चा खोलने की कोशिश कर रहा है। हिज़बुल्लाह ने लेबनान से लगी इज़राइल की उत्तरी सीमा पर हर रोज़ हमले किए हैं, लेकिन पूर्ण पैमाने पर अभियान शुरू करने से रोक दिया है।
इज़राइल ने भी हमलों और हमलों के प्रयासों का जवाब दिया है। लेकिन इसने भी सीमित स्तर पर ही हमले किए हैं। समझा जाता है कि इज़राइल भी दूसरे मोर्चे पर अनावश्यक रूप से संघर्ष को बढ़ाना नहीं चाहता है क्योंकि वह ग़ज़ा पर अपना ध्यान केंद्रित रखना चाहता है।
अपनी राय बतायें