जैसे इन दिनों भारत में सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति का अधिकार सरकार द्वारा अपने हाथ में लेने की अब तक नाकाम कोशिशों को लेकर न्यायपालिका और सरकार के बीच टकराव हम देख रहे हैं, कुछ वैसी ही सरकारी कोशिश पिछले जनवरी माह से इजरायल में देखी जा रही है। कुछ साथी व्यवसायिकों को अनैतिक मदद और भ्रष्टाचार के आरोपों में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद इजरायल के मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को 2021 में पांच साल के कार्यकाल के बाद इस्तीफा देना पड़ा था लेकिन एक साल बाद दक्षिणपंथी यहूदियों के समर्थन से वह पिछले दिसम्बर माह में फिर सत्ता में लौट आए।
जजों की नियुक्ति अपने हाथ में क्यों लेना चाहते हैं नेतन्याहू?
- दुनिया
- |
- |
- 29 Mar, 2023

इजरायल में इन दिनों आम लोग प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ख़िलाफ़ सड़कों पर क्यों उतरे हैं? आख़िर नेतन्याहू सुप्रीम कोर्ट जजों की नियुक्ति में बदलाव क्यों चाहते हैं? विरोध से क्या इजरायल की सुरक्षा पर आँच आएगी?
एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने के बाद बेंजामिन नेतान्याहू का पहला निशाना इजरायल का न्यायालय ही बना। जनवरी माह में नेतन्याहू ने इजरायली संसद नेसेट में एक नया विधेयक पेश किया जिसमें यह प्रावधान है कि इजरायल की सर्वोच्च अदालत द्वारा जजों की नियुक्ति के लिये जो नौ सदस्यीय स्वतंत्र कमेटी गठित की जाती है उसके बदले सरकार द्वारा कमेटी का गठन होगा। इजरायल के विपक्षियों का आरोप है कि इस तरह नेतन्याहू यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वह न्यायपालिका को अपने नियंत्रण में ले सकें। यह क़दम यदि कामयाब हो जाता है तो नेतन्याहू के खिलाफ जो लम्बित मामले हैं उनका निबटारा नेतन्याहू के पक्ष में होने लगेगा।