क्या ईरान में अब महिलाओं की क्रांति होगी? उस ईरान में जहाँ इस्लामिक लॉ यानी शरिया क़ानून चलता है। जहाँ औरतों के बाल और सिर पूरी तरह ढंके होने चाहिए। हिजाब न पहनने या फिर ठीक से न पहनने पर जेल की सजा और जुर्माना है। जहाँ महिलाओं के हर क़दम पर एक तरह की बेड़ियाँ हैं। क्या वहाँ अब महिलाओं ने उन जंजीरों को तोड़ फेंकने की ठान ली है और वे उस दौर में लौटने को बेताब हैं जहाँ क़रीब 45 साल पहले महिलाएँ पूरी तरह आज़ाद थीं?
ईरानी महिलाओं के हिजाब उतार फेंकने के मायने क्या हैं?
- दुनिया
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- 29 Mar, 2025
ईरान में हिजाब सही से नहीं पहनने वाली 22 साल की लड़की की मौत के बाद ईरान में तूफान क्यों मचा है? हिजाब में रहने वाली महिलाएँ क्या अब ईरानी क़ानून को बदलवा पाएँगीं?

इसी ईरान में क़रीब चार दशक पहले की हकीकत आज से बिल्कुल उलट थी। पश्चिमी देशों की तरह रहन-सहन था। पहनावा भी और खान-पान भी। लेकिन तब ईरान में 1979 की इस्लामिक क्रांति नहीं हुई थी। उस क्रांति से पहले के ईरान के समाज में खुलापन था। महिलाओं को भी पहनावे और खानपान को लेकर कोई रोकटोक नहीं थी और उन्हें पूरी आज़ादी थी।