इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी आईसीजे ने बुधवार को रूस को आदेश दिया कि वह यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बंद कर दे। दुनिया भर की सबसे बड़ी इस अदालत ने कहा कि वह इस युद्ध को लेकर बेहद गंभीर रूप से चिंतित है। रूस के द्वारा युद्ध शुरू किए जाने के बाद यूक्रेन इस मामले को आईसीजे में ले गया था।
आईसीजे में भारत के जज दलवीर भंडारी ने भी रूस के खिलाफ वोट किया। जबकि इससे पहले भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठकों में रूस के खिलाफ वोट करने से बचता रहा है।
आईसीजे में यूक्रेन ने रूस पर आरोप लगाया था कि वह इस युद्ध को गैरकानूनी रूप से सही ठहराने की कोशिश कर रहा है। यूक्रेन ने आईसीजे से कहा था कि वह रूस को युद्ध बंद किए जाने को लेकर आदेश दे।
बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला बोल दिया था और इतने दिनों के अंतराल के दौरान उसने यूक्रेन के कई शहरों को बुरी तरह बर्बाद कर दिया है। इस दौरान यूक्रेन में रहने वाले स्थानीय नागरिकों के अलावा बाहर के मुल्कों के लोगों को भी यह देश छोड़कर जाना पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी कह चुकी है कि यह बहुत बड़ा मानवीय संकट है क्योंकि लाखों की संख्या में लोग अपने घरों को छोड़कर पड़ोसी मुल्कों में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं।
2400 लोगों की मौत
एक न्यूज़ एजेंसी ने कहा है कि अब तक यूक्रेन के मारियूपोल शहर में 2400 सौ से ज्यादा आम नागरिकों की मौत हो गई है। बीते 13 दिनों से शहर में ना बिजली है, न गैस और ना ही पानी और यहां का तापमान -5 डिग्री पहुंच चुका है। शहर में अभी भी 4 लाख लोग फंसे हुए हैं।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को युद्ध अपराधी कहा है। बाइडेन के बयान पर रूस की ओर से कहा गया है कि उनका यह बयान पूरी तरह से अस्वीकार्य और माफ न की जा सकने वाली बयानबाजी है।
अपनी राय बतायें