इराक़ युद्ध के बाद से अब तक मध्य-पूर्व में वैसा राजनीतिक और कूटनीतिक संकट नहीं आया था, जैसा सोमवार को आया। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने 1 हज़ार अतिरिक्त सैनिक और युद्ध के साजो-सामान उस इलाक़े में भेजने का ऐलान कर ख़तरे की घंटी बजा दी। तेहरान ने भी उसी दिन यह घोषणा कर अपने अड़ियल रवैए का संकेत दे दिया कि परमाणु संधि के तहत कम संवर्द्धित यूरेनियम के भंडारण की जो सीमा तय की गई थी, उसने उतना हासिल कर लिया है, अब वह आगे की सोच रहा है।