हरिद्वार में आयोजित हुई जहरीली धर्म संसद के खिलाफ विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी लगातार आवाज़ उठा रहे हैं। अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के समूह के साथ ही जेनोसाइड वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस मामले में अमेरिकी संसद में सुनवाई कराने की कोशिश कर रहे हैं। हरिद्वार में हुई धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार की बातें की गईं और उसके बाद उत्तराखंड की पुलिस का रवैया भी इस मामले में बेहद खराब रहा।
हरिद्वार धर्म संसद के ख़िलाफ़ प्रवासी भारतीयों ने उठाई आवाज़
- दुनिया
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- 17 Jan, 2022
हरिद्वार में आयोजित हुई धर्म संसद के खिलाफ दुनिया भर में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी खुलकर आवाज उठा रहे हैं। धर्म संसद में शामिल वक्ताओं की गिरफ्तारी की मांग भी की जा चुकी है।

जेनोसाइड वॉच के अध्यक्ष ग्रेगरी स्टेनटेन ने कहा कि हम इस मामले में दो दलों वाले लैंटोस मानवाधिकार आयोग द्वारा सुनवाई कराने की मांग कर रहे हैं। ग्रेगरी ने यह बात प्रवासी भारतीयों के समूह के द्वारा आयोजित एक ब्रीफिंग में कही। इन समूहों में इंडियन अमेरिकन मुसलिम काउंसिल और हिंदूज ह्यूमन राइट्स आदि शामिल थे।
ग्रेगरी ने कहा कि इस सुनवाई का उद्देश्य भारत की नरेंद्र मोदी सरकार को इस बात की चेतावनी देने का है कि उसे नरसंहार के उकसावे की निंदा करनी चाहिए।