चीन के ख़िलाफ़ भारत के आक्रामक तेवरों को देखने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को ख़ुद की चिंता सताने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार को लद्दाख के दौरे पर जाने के तुरंत बाद पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान ख़ान ने आनन-फानन में आला अधिकारियों की बैठक बुलाई।
पाकिस्तानी मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़, इमरान ने बैठक में सेना और ख़ुफ़िया एजेंसियों के प्रमुखों से हालात पर चर्चा की और सीमा पर अपनी सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने को कहा।
बैठक के बाद इमरान ख़ान के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वज़ीर-ए-आज़म ने एक उच्च स्तरीय बैठक में देश के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा हालात की समीक्षा की। बयान में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान हर क़ीमत पर अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा। बैठक में मुख्य रूप से लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर ताज़ा हालात को लेकर चर्चा हुई।
यह बैठक कितनी अहम थी, इसका पता इसमें शामिल हुए लोगों से चलता है। बैठक में रक्षा मंत्री परवेज खट्टक, आर्मी चीफ़ जनरल क़मर जावेद बाजवा, नौसेना प्रमुख एडमिरल ज़फ़र महमूद अब्बासी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल मुजाहिद अनवर ख़ान और ख़ुफ़िया एजेसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हामिद सहित कई आला अधिकारी मौजूद रहे। विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी कोरोना से संक्रमित होने के कारण बैठक में नहीं आ सके।
पाकिस्तान के डर का अंदाजा इस बात से भी लगता है कि कुछ दिन पहले ही बाजवा ने पीओके की सरकार को पत्र लिखकर अपने अस्पतालों में 50 फ़ीसदी बेड सैनिकों के लिए आरक्षित रखने की मांग की थी।
पाकिस्तान भारत की आक्रामक रक्षा तैयारियों और हाल में भारत द्वारा किए गए बड़े रक्षा सौदों से बुरी तरह घबरा गया है।
कुछ दिन पहले ख़बर आई थी कि चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच पाकिस्तान, भारत को घेरने की नापाक साज़िश रच रहा है और उसने 20 हज़ार अतिरिक्त सैनिकों को गिलगिट-बालटिस्तान के इलाक़े में तैनात किया है। साथ ही ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई लगातार पंजाब और कश्मीर का माहौल ख़राब करने की कोशिश कर रही है।
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