2015 में हंजला अदनान ने उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर हमले की साजिश रची थी, जिसमें 2 बीएसएफ जवान शहीद हो गए थे और 13 अन्य जवान घायल हो गए थे। एनआईए बीएसएफ काफिले पर हमले की जांच कर रही थी और आरोप पत्र दायर किया था। इतना ही नहीं शीर्ष लश्कर आतंकवादी ने 2016 में जम्मू-कश्मीर के पंपोर इलाके में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के काफिले पर एक आतंकी हमले में भूमिका निभाई थी। हमले में 8 सीआरपीएफ जवानों की जान चली गई और 22 अन्य घायल हो गए।
इससे पहले भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक शाहिद लतीफ़ की अक्टूबर में पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट है कि पाकिस्तान के सियालकोट में अज्ञात बंदूकधारियों ने लतीफ़ को गोली मारी। लतीफ भारत में 2016 के पठानकोट आतंकी हमले में एक प्रमुख साजिशकर्ता था। उस हमले में 7 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। उसके ख़िलाफ़ एनआईए ने केस दर्ज किया था। एक रिपोर्ट के अनुसार लतीफ को सबसे पहली बार 1994 में आतंकी आरोप में भारत में गिरफ्तार किया गया था। फिर उस पर मुकदमा चलाया गया और आख़िरकार उसे जेल भेज दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार उसने 2010 में अपनी सजा पूरी कर ली, इसके बाद उसे वाघा सीमा के जरिए पाकिस्तान भेज दिया गया था।
पाकिस्तान में अचानक क्यों मारे जा रहे हैं आतंकी
अक्टूबर में ही कराची में लश्कर के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में से एक मुफ्ती कैसर फारूक को "अज्ञात लोगों" ने गोली मार दी। इधर पाकिस्तान में कई आतंकी मारे गए हैं और इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। सितंबर में एक चौंकाने वाली घटना में, कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर इलाके में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक प्रमुख मौलवी मौलाना जियाउर रहमान को सैर के दौरान गोली मार दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मोटरसाइकल पर सवार अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी, जिससे पाकिस्तान की आईएसआई हैरान रह गई। हालांकि पाकिस्तान में धार्मिक नेताओं से जुड़ी ऐसी घटनाएं असामान्य नहीं हैं, लेकिन इस हत्या ने सवाल खड़े कर दिए हैं।पाकिस्तान में आतंकियों की इन हत्याओं के बीच उल्लेखनीय समानता ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, आईएसआई की नींद हराम कर दी है। कहा जा रहा है कि इन घटनाओं ने आईएसआई को एहतियाती कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। इन घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखने वाले सूत्रों का कहना है कि आईएसआई ने अपनी लगभग एक दर्जन "संपत्तियों" को देश के अंदर "सेफ हाउस" में ट्रांसफर कर दिया है। लश्कर के आतंकी मौलाना लोग आईएसआई की संपत्ति के रूप में जाने जाते हैं। चूंकि पाकिस्तान में एक-एक कर लश्कर आतंकी मारे जा रहे हैं, इसलिए आईएसआई ने इन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है।
लश्कर से जुड़े मौलाना जियाउर रहमान और मुफ्ती फारूक कैसर 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खास लोगों में से थे। इसी तरह लश्कर के दो और आतंकी अबु कासिम कश्मीरी की रावलकोट और कारी खुर्रम शहजाद की नजीमाबाद में सितंबर की शुरुआत में अज्ञात लोगों ने इसी अंदाज में हत्या कर दी थी। इस तरह लश्कर से सीधे जुड़े चार आतंकी पाकिस्तान में मार दिए गए।
इसके बाद अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश का राज खुला। इसमें भी भारतीय अधिकारी का नाम आया और अमेरिका में एक भारतीय निखिल गुप्ता को कवर एजेंट के साथ नामज़द किया गया। अमेरिका ने भारत से इसकी जांच कराने को कहा, जिसका अब भारत पालन कर रहा है।
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