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एलोन मस्क का नाजी सलाम।

एलोन मस्क का क्या है एजेंडा, दूसरे देशों में क्यों कर रहे हैं दखलंदाज़ी?

दुनिया के सबसे अमीर एलोन मस्क ने 2021 में एक्स यानी ट्विटर पर अपने समर्थकों से कहा था- "मैं राजनीति से दूर रहना पसंद करूंगा।" लेकिन तब से बहुत कुछ बदल गया है। एक्स प्लेटफॉर्म उनकी जेब में जा चुका है। दुनिया ने देखा कि कैसे उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक्स पर प्रचारित किया। वो अब किस तरह धुर दक्षिणपंथी आंदोलनों को समर्थन दे रहे हैं। सवाल यही उठ रहा है कि आखिर मस्क यह सब क्यों कर रहे हैं। ट्रम्प तक तो बात ठीक थी, क्योंकि दोनों एक ही देश के नागरिक हैं। लेकिन यूरोप में मस्क की दिलचस्पी क्यों बढ़ रही है। 
मस्क ने ट्रम्प को फिर से चुनने में मदद करने के लिए एक चौथाई अरब डॉलर खर्च किए। और जब ट्रम्प ने पद की शपथ ली तो मस्क चंद फीट की दूरी पर थे। मानों दुनिया के सबसे अमीर इंसान का अपने आदमी को राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठाने के बाद मस्क का एक सपना पूरा हो गया। इसी खुशी में उन्होंने नाजी सलाम तक कर डाला। लेकिन अब इस अमीर आदमी ने शायद नया लक्ष्य तय कर लिया। यूरोप के हर देश में दक्षिणपंथी पार्टी या संगठन को ऊपर उठाना और एक समय में एक सरकार को टारगेट करना।
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यूरोपीय संघ के नेताओं ने खुलकर मस्क पर उनके मामलों में हस्तक्षेप करने और खतरनाक हस्तियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। मस्क ने ब्रिटेन की सरकार के खिलाफ एक क्रूर और व्यक्तिगत ऑनलाइन अभियान चलाया है। वहां एक कार्यकर्ता को जेल से रिहा करने के लिए रैली की। जर्मनी में कट्टर राष्ट्रवादियों और कुछ घोटालों में घिरी पार्टी का समर्थन किया है। मस्क के मंच एक्स पर गलत सूचनाओं की बाढ़ आ गई है। अप्रवासियों के खिलाफ नफरत को बढ़ावा दिया जा रहा है। 

इन स्थितियों ने यूरोप की सरकारों को परेशान कर दिया है। ब्रिटेन में तमाम लोग पिछली गर्मियों में धुर दक्षिणपंथी दंगों के लिए मस्क को ही जिम्मेदार मानते हैं।
ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान बोस्निया और हर्जेगोविना में राजदूत रहे एरिक नेल्सन ने एक इंटरव्यू में कहा कि  "मैं यह सोचकर हैरान हूं कि वह शख्स कई देशों में हस्तक्षेप कर रहा है, जहां कई जटिल मुद्दे हैं। वो ये दावा कर रहा है कि वही काबिल है, उसे सबसे अच्छी जानकारी है। यह काफी अहंकार वाली बात है।”

यूरोप के तमाम देशों में आम लोगों से लेकर राजनीतिक हस्तियां तक दो सवालों से जूझ रही हैं: मस्क को हमारी परवाह क्यों है, और हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं? इसका जवाब आसान नहीं है।


सेंटर फॉर यूरोपियन पॉलिसी एनालिसिस (सीईपीए) थिंक टैंक के बिल इचिक्सन ने कहा, "यूरोप के लोग फंस गए हैं।" उन्होंने कहा, यूरोप के नेता निश्चित रूप से चिंतित हैं। वे यूरोपीय चुनावों में समस्याएं पैदा करने और गलत प्रेक्टिस को बढ़ावा देने के लिए दुष्प्रचार और ट्रोलिंग और स्वचालित बॉट्स को दोषी मानते हैं। लेकिन उनके पास इसका मुकाबला करने की कोई योजना नहीं है। यहां बताना जरूरी है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई देशों में चुनाव प्रभावित करने का आरोप लग चुका है। जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव भी अछूता नहीं है। 

आज मस्क दुनियाभर में विघटनकारी प्रभाव का एक्स पर आनंद लेते हैं। वो कट्टरपंथी हस्तियों की तारीफ कर रहे हैं। वो यूरोप भर में सत्ता-विरोधी दक्षिणपंथी लोगों का जमकर समर्थन कर रहे है।


यह अभी तक साफ नहीं है कि ट्रम्प की विदेश नीति पर मस्क की खतरनाक राजनीति का कितना असर पड़ेगा। यही वजह है कि फिलहाल यूरोपीय सरकारें मस्क के दखल से निपटने के लिए सक्रिय नहीं हुई हैं। ट्रम्प और मस्क ने पहले ही यूरोप की उन हस्तियों के साथ घनिष्ठ संबंध बना लिए हैं जो धुर दक्षिणपंथी हैं। इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी इसकी ताजा मिसाल हैं। जिन्हें ट्रम्प ने न सिर्फ अपने शपथग्रहण समारोह में बुलाया बल्कि शपथ से पहले जो एक खास डिनर था, वहां भी मेलोनी को आमंत्रित किया गया था। मेलोनी अपनी कट्टर आव्रजन (इमीग्रेशन) नीति के लिए जानी जाती हैं। 

Elon Musk: why world richest man increasing right-wing politics after Nazi salute? - Satya Hindi
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़

जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने एलोन मस्क पर जबरदस्त हमला बोला है। मस्क अक्सर जर्मन चांसलर पर टिप्पणी करते रहते हैं। जर्मन चांसलर ने डेवोस, स्विट्जरलैंड में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में एक पैनल को बताया: " जर्मनी और यूरोप में तमाम अरबपति सहित हर कोई अपनी राय बताने के लिए आजाद है... लेकिन हम धुर-दक्षिणपंथी विचारों का समर्थन स्वीकार नहीं करते हैं।" मस्क ने एक्स पर जवाब दिया: "ओफ़ शर्म करो!" बहुत साफ है कि मस्क की बातों को पसंद नहीं किया जा रहा है।

लेकिन इस सवाल का जवाब भी तो मिलना चाहिए कि आखिर मस्क यह सब क्यों कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि एलोन मस्क यूरोपीय देशों में अपनी टेस्ला कार कंपनी के लिए फ्रीहैंड चाहते हैं। जर्मनी में उन्होंने बहुत पहले ही टेस्ला फैक्ट्री खोल रखी है। लेकिन ब्रसेल्ज ने हाल ही में चीन से बनकर आने वाली इलेक्ट्रिक कारों पर टैरिफ लगा दिया। अब मस्क इस मामले को कोर्ट में ले जा रहे हैं। यूरोपीय कोर्ट ने सोमवार सुबह अपनी वेबसाइट पर इस केस को लिस्ट किया है।

यूरोपीय संघ ने अक्टूबर में टेस्ला पर 7.8 प्रतिशत और अन्य कंपनियों पर 35.3 प्रतिशत तक सब्सिडी-विरोधी टैरिफ लगाया। यह 10 प्रतिशत मानक आयात शुल्क के अतिरिक्त है। यह यूरोपीय संघ और टेस्ला के अरबपति मालिक और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार एलन मस्क के बीच नवीनतम टकराव है। मस्क यूरोपीय संघ की प्रौद्योगिकी नियमों के मुखर आलोचक हैं और उन्होंने जर्मनी के चुनाव अभियान में धुर दक्षिणपंथियों का समर्थन किया है। यूरोपीय आयोग ने कहा है कि वह दावों का बचाव करेगा।

 
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जर्मन पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) की सह-नेता ऐलिस वीडेल
एलोन मस्क ने पिछले हफ्ते जर्मन पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) के सह-नेता की तारीफ की थी। मस्क ने जर्मनी के लोगों से इस पार्टी को वोट देने का आग्रह किया। मस्क ने पार्टी के सह-नेता ऐलिस वीडेल के साथ एक ऑडियो लाइवस्ट्रीम के दौरान कहा, "केवल एएफडी ही जर्मनी को बचा सकता है। लोगों को वास्तव में एएफडी के पीछे जाने की जरूरत है। अन्यथा जर्मनी में चीजें बहुत, बहुत खराब होने वाली हैं।" 
ट्रंप के करीबी सहयोगी मस्क ने जर्मनी के राजनीतिक माहौल की तुलना संयुक्त राज्य अमेरिका से की। नवंबर में ट्रंप के लिए मतदान करते समय लोग नाखुश थे और बदलाव की मांग कर रहे थे। जर्मनी में 23 फरवरी को अपना चुनाव है।

मस्क ने जर्मनी के लोगों से कहा, "अगर आप स्थिति से नाखुश हैं, तो आपको बदलाव के लिए मतदान करना चाहिए, और यही वजह है कि मैं वास्तव में दृढ़ता से कह रहा हूं कि लोग एएफडी के लिए मतदान करें।" 

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मस्क ने दावा किया कि नवनिर्वाचित यूएस राष्ट्रपति यूक्रेन में रूस के युद्ध को "बहुत जल्दी" हल कर देंगे। जर्मनी की नेता वीडेल ने मस्क से कहा कि वह चाहती हैं कि ट्रम्प प्रशासन "उस भयानक युद्ध को समाप्त कर दे" क्योंकि "यूरोपीय नेताओं के बस का नहीं है। वे नहीं कर सकते। वे पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर हैं। हम रूस के खिलाफ पूरे संघर्ष को बढ़ा रहे हैं। यह बहुत खतरनाक है, यहां क्या हो रहा है, और केवल आप (मस्क) ही इसे मूल रूप से रोक सकते हैं।"
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)
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क़मर वहीद नक़वी
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