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डोनल्ड ट्रंप पर लगेगा राजद्रोह, हटाए जाएंगे?

राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने यह कह कर पद से हटने की मंशा जाहिर कर दी है कि 20 जनवरी को शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण हो जाएगा। लेकिन इसके पहले ही उन्हें पद से हटाने की माँग की जा रही है क्योंकि उन्होंने हिंसा के लिए उकसा कर संविधान का उल्लंघन किया है, उसी संविधान का, जिसकी रक्षा की शपथ उन्होंने ली थी। अब आगे क्या होगा?
प्रमोद मल्लिक

क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर राजद्रोह का मामला बनता है? क्या 20 जनवरी को कार्यकाल ख़त्म होने के पहले ही संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल कर उन्हें पद से हटाया जा सकता है?

अमेरिका में ये सवाल अब गंभीरता से पूछे जा रहे हैं क्योंकि संविधान की रक्षा करने की शपथ लेने वाले राष्ट्रपति पर आरोप लग रहा है कि उन्होंने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया और इस तरह संविधान के उलट काम किया, लिहाज़ा वे राष्ट्रपति पद पर रहने लायक नहीं हैं और इसलिए उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। 

ट्रंप की कैबिनेट के कुछ सदस्यों, कुछ सीनेटरों व हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव्स के सदस्यों ने संविधान के 25वें संशोधन के तहत उन्हें पद से हटाने और उनकी जगह उप राष्ट्रपति माइक पेंस को तात्कालिक कामकाज संभालने को कहा है। इसमें विपक्षी डेमोक्रेट्स ही नहीं, ट्रंप की अपनी पार्टी रिपब्लिकन के सदस्य भी हैं।

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25वां संशोधन इस्तेमाल करने की माँग

कई अमेरिकी राजनेता व व्यापार जगत के लोग खुल कर सामने आ गए हैं और माँग कर रहे हैं कि 25वें संशोधन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। 

अमेरिकी टेलीविज़न एनबीसी के अनुसार, बुधवार को हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव्स के कम से कम दो डेमोक्रेट सदस्यों ने उप राष्ट्रपति के नाम एक चिट्ठी तैयार की है। 

सीएनबीसी के मुताबिक, इसके साथ ही ट्रंप को हटाने की माँग जोर पड़ने लगी जब नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ मैन्युफ़ैक्चर्रस ने उप राष्ट्रपति माइक पेंस से माँग की वे 25वें संशोधन के प्रावधानों का इस्तेमाल करें। 

donald trump may be charged with sedition, removed under US constitution 25th amendment - Satya Hindi
अमेरिकी संविधान की मूल प्रति की तसवीर

इसके तुरन्त बाद 'सेल्सफ़ोर्स' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क बेनीऑफ़ और सिटी के सीईओ माइकल कोरबट ने इस तरह की अपील जारी की। 

नेशनल रिपब्लिकन सीनेटोरियल कमिटी के पूर्व कार्यकारी निदेशक जे टिमॉन्स ने भी ऐसी अपील की। 

एक बहुत ही कड़े बयान में टिमॉन्स ने कहा कि "राष्ट्रपति ट्रंप ने हारे हुए चुनाव को जीतने का बेबुनियाद दावा किया और निष्पक्ष चुनाव के नतीजों को मानन से इनकार कर दिया। उन्होंने किसी तरह सत्ता पर पकड़ बनाए रखने की नीयत से लोगों को हिंसा के लिए उकसाया और उसके बाद क़ानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई।"

"उप राष्ट्रपति पेंस को कैबिनेट के साथ मिल कर संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल कर लोकतंत्र की रक्षा करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।"


जे टिमॉन्स, पूर्व कार्यकारी निदेशक, नेशनल रिपब्लिकन सीनेटोरियल कमिटी

लातिन अमेरिकी सीनेटरों की माँग

दूसरी ओर, लातिनी मूल के अमेरिकी सीनेटरों व प्रतिनिधि सभा के सदस्यों ने ट्रंप के व्यवहार को राजद्रोह क़रार देते हुए उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की है। 

सीएनबीसी के अनुसार, टेक्सस से प्रतिनिधि सभा सदस्य  डेमोक्रेट वेरोनिका एस्कोबार ने कहा है कि वे हिंसा के समय सदन की गैलरी में मौजूद थीं और उन्हें लगने लगा था कि वे जीवित बाहर नहीं निकल पाएंगी। उन्होंने फ़र्नीचर में आग लगाने वाले और पुलिस से धक्कामुक्की करने वाले लोगों को 'आतंकवादी' क़रार दिया। 

कैलिफ़ोर्निया से डेमोक्रेट प्रतिनिधि सभा सदस्य रॉल रुइज़ ने भी कहा कि वे भी उस समय सदन में मौजद थे जब उग्र भीड़ अंदर घुस गई थी। उन्होंने कहा,

"इसमें कोई संदेह नहीं है कि राष्ट्रपति और उनके वफ़ादार लोगों को हिंसा के लिए भड़का रहे थे। उन्होंने हिंसा के लिए लोगों को न्योता था और उनका मनोबल बढ़ाया था।"


रॉल रुइज़, सदस्य, हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स

डेमोक्रेट ही नहीं, ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के सदस्यों का भी यही मानना है। कैलिफ़ोर्निया से रिपब्लिकन सदस्या लिंडा सांचेज ने कहा कि वे तो इतनी डर गई थीं कि उन्होंने अपने पति को फ़ोन कर अपनी वसीयत के बारे में बताया। 

सीनेटर मार्को रूबियो ने ट्वीट किया, "कैपिटॉल हिल में जो कुछ हो रहा है, उसमें देशभक्ति जैसा कुछ भी नहीं है। यह तीसरी दुनिया के देशों में होने वाला अमेरिका-विरोधी अभियान जैसा है।" 

राजद्रोह पर अमेरिकी संविधान

राष्ट्रपति जॉन एडम्स ने 1798 में राजद्रोह से जुड़े अमेरिकी क़ानून पर दस्तख़त किया था। राजद्रोह अधिनियम, 1798, में प्रावधान है कि अमेरिका के किसी नियम का विरोध करने पर यह लागू होगा और इसके तहत दो साल की सज़ा हो सकती है। 

  • यू. एस. कोड 18 की धारा 2384 में कहा गया है कि यदि दो या इससे ज्यादा लोग अमेरिका के किसी क्षेत्र में सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए किसी तरह की साजिश रचें या ऐसा कोई काम करें जिससे अमेरिकी सरकार को ख़तरा हो तो वह राजद्रोह की श्रेणी में आएगा।
  • इसमें यह भी कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी संपत्ति पर जबरन कब्जा कर ले या सरकारी परिसर में ब़गैर अनुमति के घुस कर उस पर कब्जा कर ले तो यह राजद्रोह माना जाएगा। ऐसे मामलों में 20 साल तक की सज़ा हो सकती है।
  • इसमें यह भी कहा गया है कि यदि कोई आदमी किसी समूह, समुदाय या संगठन को हिंसा के जरिए सरकार को उखाड़ने में मदद करे या उन्हें सगंठित करे तो इसे राजद्रोह माना जाएगा। 

ट्रंप पर राजद्रोह?

सवाल यह उठता है कि इस कोड के मुताबिक क्या ट्रंप पर राजद्रोह का मामला बनता है। राष्ट्रपति ट्रंप पर राजद्रोह का मामला चलाने और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की माँग की जा रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पहले से ही लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का काम शुरू कर रखा था। इसमें उनके पुराने ट्वीट और बयानों का हवाला  दिया जा रहा है। 

राजनेता और दूसरे लोगों का कहना है कि देश के मुखिया ने ही हिंसा के लिए भड़काया और लोगों ने क़ानून अपने हाथ में ले लिया। बुधवार को ही ट्रंप ने कहा था, "हम कभी हार नहीं मानेंगे, ऐसा कभी नहीं होगा। जब चोरी हो गई हो तो हम हार नहीं मान सकते। बहुत हो चुका, अब हम चुप नहीं बैठेंगे।" 

उन्होंने कहा था, "हम और ज़ोरदार लड़ाई लड़ने जा रहे हैं।" 

जब हिंसा अपने चरम पर थी और लोग तोड़फोड़ कर रहे थे, संविधान की रक्षा करने की शपथ लिए हुए व्यक्ति ने हिंसा करने वालों से कहा, "हम आपसे प्यार करते हैं। आप बहुत ख़ास हैं।" 

donald trump may be charged with sedition, removed under US constitution 25th amendment - Satya Hindi
अमेरिकी संविधान का 25वां संशोधनconstitution.congress.gov

इन बातों के मद्देनज़र राजद्रोह की मांग जोर पकड़ रही है। 'द इंटरप्राइज़' के अनुसार, बॉस्टन से चुने गए प्रतिनिधि सभा सदस्य स्टीफन लिंच ने भी कहा है कि ट्रंप पर राजद्रोह का मामला चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमने अभी जो कुछ देखा है, वह सरकार को नकारने के समान है। ये प्रदशर्नकारी चुने गए प्रतिनिधियों को काम नहीं करने दे रहे हैं।"

लिंच ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि इतनी बड़ी तादाद में लोग पुलिस की मौजूदगी में अंदर घुस कैसे गए। उन्होंने कहा है कि वे इसकी जाँच करवा कर रहेंगे। 

 

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