पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
आगे
पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
आगे
बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार
आगे
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद एक बार फिर कई देश अपनी सीमाओं को बंद करने लगे हैं। इससे दूसरे देशों को लोगों को दिक्क़तें तो हो ही रही हैं, लोगों में दहशत का माहौल भी बन रहा है।
ओमिक्रॉन वायरस दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बोत्सवाना, ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, इज़रायल, इटली और नीदरलैंड में पाए गए हैं। इनमें से कई देशों ने अपनी सीमा बंद कर दी है और दूसरे देशों के लोगों को अपने यहां आने पर रोक लगा दी है।
जापान के प्रधानमंत्री फ्यूमियो किशिदा ने मंगलवार की रात से अपने देश की सीमा बंद करने का एलान कर दिया। इस तरह कोरोना संक्रमण के इस दौर में सीमा सील करने वाला पहला देश जापान हो गया।
स्वास्थ्य मंत्री सिग्यिको गोतो ने कहा कि नामीबिया से आए लोगों की जाँच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि वे ओमिक्रॉन से प्रभावित हैं या नहीं।
इज़रायल ने भी बाहर से किसी के अपने देश में दाखिल होने पर रोक लगा दी है। सरकार ने कहा है कि वह फ़ोन ट्रैकिंग के आतंक निरोधी तकनीक का इस्तेमाल कर कोरोना प्रभावित लोगों का पता लगाएगी।
ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वह कुशल कामगारों के 1 दिसंबर से अपने यहां आने की अनुमति के फ़ैसले पर फिर से विचार करेगा। लेकिन प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने फिलहाल आने वाले लोगों के लिए दो हफ़्ते के आइसोलेशन को अनिवार्य करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभी ऐसा करना जल्दबाजी होगी।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हम एक बार में एक कदम उठा रहे हैं, सारी जानकारी एकत्रित कर रहे हैं और सोच समझ कर ठंडे दिमाग से निर्णय ले रहे हैं।"
अफ्रीकी देश मोरक्को ने एलान किया है कि वह 29 नवंबर से विदेशी उड़ानों के अपने देश में उतरने पर रोक लगा देगा।
सिंगापुर ने मध्य पूर्व के देशों, क़तर सऊदी अरब व संयुक्त अरब अमीरात से वैक्सीन लगा कर आने वाले लोगों को अपने यहां उतरने की अनुमति देने के फ़ैसले को टाल दिया है।
इन प्रतिबंधों के बीच मलेशिया ने कहा है कि वह टीका लगा कर आने वाले लोगों को अपने यहां अनुमति दे सकता है।
ब्रिटेन ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर जी-7 देशों की बैठक आयोजित करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वे जल्द ही ओमिक्रॉन वैरिएंट पर विस्तृत जानकारी सेनेट के सामने पेश करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका ने सीमा बंद किए जाने के फ़ैसलों की आलोचना की है। राष्ट्रपति सीरिल रमफोसा ने कहा है कि ये निर्णय वैज्ञानिक जानकारी या शोध पर आधारित नहीं हैं।
दक्षिण अफ्रीका में पाए गए वायरस को रोकना अधिक मुश्किल इसलिए भी है कि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह न्यूट्रलाइजेशन यानी उसे निष्प्रभावी करने के ख़िलाफ़ गुण विकसित कर लेगा, यानी उन्हें निष्प्रभावी नहीं किया जा सकेगा।
यह कितना भयावह हो सकता है, इसे इससे समझा जा सकता है कि दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, इज़रायल और हांगकांग के कुछ केसों की ही पहचान अब तक हो पाई है।
क्वाज़ालु-नैटाल रीसर्च एंड इनोवेशन सीक्वेन्सिंग प्लैटफ़ॉर्म के निदेशक तूलियो डी ओलियोवीरा ने कहा है कि नए वैरिएंट बी. 1.1.529 के साथ जो म्यूटेशन्स हैं, वे बहुत ही अजूबे हैं। इनमें से 30 म्यूटेशन तो सिर्फ प्रोटीन में ही हैं।
“
इस वैरिएंट से जो अधिक चिंता की बात है, वह यह है कि यह हमारे इम्यून सिस्टम को अपने नियंत्रण में ले सकता है और उसे भेद कर अंदर प्रवेश कर सकता है।
तूलियो डी ओलियोवीरा, निदेशक, क्वाज़ालु-नैटाल रीसर्च एंड इनोवेशन सीक्वेन्सिंग प्लैटफ़ॉर्म
यह वायरस कम उम्र के लोगों में पाया गया है, ये वे लोग हैं, जिनका टीकारण कम हुआ है।
डॉक्टर जो फ़हाला के अनुसार, 'दक्षिण अफ्रीका के 18 से 34 साल की उम्र के महज एक चौथाई लोगों को टीका दिया गया है।'
डॉक्टर जो फ़हाला ने कहा कि हालांकि कोरोना संक्रमण फिलहाल बड़े शहरों और ख़ास कर व्यावसायिक राजधानी प्रीटोरिया और उसके आसपाल के इलाक़ों तक सीमित है, पर कुछ समय में ही यह पूरे देश में फैल सकता है। फिलहाल स्कूल बंद हैं और उनके खुलते ही यह तेजी से फैल सकता है।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें