स्पेन तीसरा ऐसा देश हो गया है जहाँ एक लाख से ज़्यादा कोरोना के पॉजिटिव केस हो गए हैं। स्पेन में जहाँ 4 मार्च को सिर्फ़ 185 पॉजिटिव केस थे वहाँ अब एक लाख 4 हज़ार से भी ज़्यादा मामले आ चुके हैं। अमेरिका और इटली में भी पॉजिटिव मामलों की संख्या एक लाख से ज़्यादा है। अमेरिका में 2 लाख 15 हज़ार और इटली में एक लाख 10 हज़ार केस आ चुके हैं। इन देशों में मामले तेज़ी से बढ़े हैं। ऐसी ही स्थिति जर्मनी, फ़्राँस जैसे देशों की है। ये वो देश हैं जो विकसित हैं। तो विकिसित देशों में इतनी तेज़ी से मामले क्यों बढ़े?
कोरोना: एक लाख पॉजिटिव केस वाला स्पेन तीसरा देश; विकसित देशों में बेकाबू क्यों?
- दुनिया
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- 29 Mar, 2025
स्पेन में जहाँ 4 मार्च को सिर्फ़ 185 केस थे वहाँ अब एक लाख से भी ज़्यादा मामले आ चुके हैं। अब वह तीसरे स्थान पर पहुँच चुका है। ऐसा क्यों है कि विकसित देश कोरोना को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं जबकि चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देश कर रहे हैं?

इसके उलट जिस चीन में कोरोना वायरस सबसे पहले पनपा और उसके बाद जिस दक्षिण कोरिया में यह तेज़ी से बढ़ा था, लेकिन इन दोनों देशों ने इसे नियंत्रित कर लिया। विकसित देशों में जहाँ एक-एक देश में हर रोज़ 20-25 हज़ार तक नये पॉजिटिव केस आ रहे हैं वहीं चीन और दक्षिण कोरिया में सिर्फ़ गिने-चुने मामले आ रहे हैं। मौत की दर भर विकसित देशों में ज़्यादा है। चीन और दक्षिण कोरिया में यह क़रीब एक फ़ीसदी है तो इटली जैसे देशों में यह क़रीब 8 फ़ीसदी तक है। विकसित देशों में इस वायरस के फैलने की कहानी डरावनी है। पढ़िए कैसे पॉजिटिव केस बढ़े इन देशों में-