धार्मिक सहिष्णुता और सर्वधर्म समभाव की विरासत के लिए मशहूर बंगाली संस्कृति में भी सांप्रदायिक उन्माद फैल रहा है। बंगाली संस्कृति का प्रतीक समझे जाने वाली दुर्गा पूजा के मौके पर बांग्लादेश में फिर से भड़के सांप्रदायिक दंगों में शनिवार को दो लोगों की मौत हो गई। ये दोनों ही अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। दंगों को फैलने से रोकने के लिए कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की तादाद कुल जनसंख्या का लगभग 10 प्रतिशत है।
बांग्लादेश में बुधवार को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दुर्गा प्रतिमा के घुटनों पर मुसलमानों के पवित्र धर्म ग्रंथ कुरान को रखा हुआ दिखाया गया। वीडियो वायरल होने के बाद बांग्लादेश के कई जिले दंगों की चपेट में आ गए थे।
शुक्रवार को ज़ुमे की नमाज के बाद सैकड़ों मुसलमानों ने हिंदू मंदिरों पर हमला बोल दिया था। दो सौ से ज़्यादा लोगों ने बेगमगंज में एक हिंदू मंदिर पर तब हमला बोल दिया, जब वहां दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन की तैयारियाँ चल रही थीं।
हमलावरों ने मंदिर कमेटी के एक कार्यकारी सदस्य की चाकू घोंप कर हत्या कर दी। शनिवार को एक और हिंदू व्यक्ति की लाश मंदिर से सटे एक तालाब में मिली।
ज़िला पुलिस प्रमुख शहीदुल इसलाम ने समाचार एजेन्सी एएफ़पी से कहा, “कल से आज तक हमले में दो लोग मारे गए हैं। हम दोषियों को गिरफ़्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।”
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बांग्लादेश की वज़ीर-ए-आज़म शेख़ हसीना ने गुरूवार को कहा था कि इन घटनाओं की जांच की जाएगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़कर उन्हें सजा दी जाएगी। घटना सामने आने के बाद भारत ने दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की थी।
दंगों की शुरुआत कुमिलिया में बने दुर्गा पूजा के पंडाल से हुई थी। इसके बाद भीड़ ने कुमिलिया, हाज़ीगंज, हतिया और बांसखाली में स्थित मंदिरों पर हमला कर दिया था।
इससे पहले दंगों के दौरान बुधवार को जब लगभग 500 लोगों ने हाजीगंज में स्थित एक हिंदू मंदिर पर हमला बोल दिया था तो पुलिस ने फ़ायरिंग कर दी थी, इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। हिंदू समुदाय के नेता गोबिंद चंद्र प्रमाणिक ने एएफ़पी को बताया कि पूरे मुल्क़ में हिंदू समुदाय के 150 लोग घायल हुए हैं और 80 मंदिरों पर हमला हुआ है।
दुर्गा प्रतिमाओं को तोड़ा
घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि भीड़ ने दुर्गा पूजा के पंडालों पर हमला किया, पत्थर फेंके और हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की। इस दौरान कई जगहों पर दुर्गा प्रतिमाओं को भी भीड़ ने तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि दंगों के पीछे जमात-ए-इसलामी का हाथ है और इन्हें सांप्रदायिक आग भड़काने की नीयत से अंजाम दिया गया।
बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने इन हमलों से जुड़े वीडियो और फ़ोटो को शेयर किया था। काउंसिल ने मुसलिमों से अपील की थी कि वे अफ़वाहों पर भरोसा न करें। काउंसिल ने कहा था कि दुर्गा पूजा में क़ुरान की कोई ज़रूरत नहीं होती और किसी ने दंगे कराने की साज़िश रची है।
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