राहुल गांधी के एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना तेज़ हो गई है। खुद राहुल ने शनिवार की शाम कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कहा कि वे फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर 'विचार करेंगे।'
पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों और पूर्व रक्षा मंत्री ए. के. एन्टनी के बार-बार आग्रह करने के बाद राहुल गांधी ने यह बात कही।
बता दें कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी की हार के कुछ समय बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और एक भावुक व लंबा पत्र कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम लिखा था।उन्होंने उस चिट्ठी में पार्टी के बुजुर्ग नेताओं पर उनके साथ सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था।
कार्य समिति की बैठक
उसके बाद उनसे कई बार आग्रह किया गया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष बन जाएं, लेकिन उन्होंने हर बार इनकार ही किया।
फिलहाल सोनिया गांधी कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष हैं। लेकिन उन्होंने शनिवार को ही कार्य समिति की बैठक में कहा कि वे ही 'कांगेस की पूर्णकालिक अध्यक्ष' हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता के. सी. वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“
पूरी कांग्रेस पार्टी और सभी कार्यकर्ता एकमत से राहुल गांधी को अपना नेता मानते हैं।
के. सी. वेणुगोपाल, नेता, कांग्रेस
कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी ने कहा, "यह राहुल गांधी पर निर्भर है कि वे बनते हैं या नहीं, पर इस पर आम सहमति है, सभी लोग यह चाहते हैं कि वे पार्टी अध्यक्ष बनें।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, "इस मुद्दे पर बात हुई और सभी लोगों ने उनका नाम लिया।"
जी-23
याद दिला दें कि पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को एक लंबी चिट्ठी लिख कर पार्टी के कामकाज के तौर तरीकों पर सवाल उठाया था और कहा था कि पार्टी में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष होना चाहिए जो पार्टी को पूरा समय दे सके और तमाम फैसले ले सके, जो सबके लिए उपलब्ध हो और आम जनता के बीच कांग्रेस के मुद्दों को उठा सके।
इस पर दस्तखत करने वालों में वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और दूसरे लोग थे। उन लोगों का कहना था कि राहुल गांधी ही कांग्रेस के अध्यक्ष बनें, पर कोई तो हो जो यह पदभार संभाले।
उस चिट्ठी को पार्टी में बग़ावत के रूप में पेश किया गया और उसे जी-23 कह कर मजाक भी उड़ाया गया।
कुछ दूसरे लोगों ने भी किसी का नाम लिए बगैर बीच-बीच में कई बार पार्टी की आलोचना की थी। शनिवार को जब सोनिया गांधी ने कहा कि वे ही पूर्णकालिक कांग्रेस अध्यक्ष हैं तो समझा गया कि वे इस नाराज़ गुट को ही जवाब दे रही हैं।
समझा जाता है कि इस गुट को चुप करने के लिए ही राहुल गांधी पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे पार्टी अध्यक्ष का पद ग्रहण कर लें और राहुल ने इसलिए ही कहा है कि वे इस पर विचार करेंगे।
समझा जाता है कि राहुल का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय है और कांग्रेस कार्य समिति का इसके लिए इस्तेमाल किया गया है।
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