क्या पाकिस्तान चीनी क़र्ज़ के जाल में फँसता जा रहा है, जहाँ से निकलना उसके लिए बेहद मुश्किल होगा? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है कि इसलामाबाद ने चीन से 2.7 अरब डॉलर के क़र्ज़ की गुजारिश की है। उसे इस पैसे की ज़रूरत इसलिए है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के मेनलाइन-1 परियोजना के काम के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। दरअसल यह चीन से मिलने वाली 6.1 अरब डॉलर की आर्थिक मदद का हिस्सा है।