अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान के क़ब्ज़ा करने के अगले ही दिन चीन ने जिस तरह उसका समर्थन कर दिया और एलान किया कि वह तालिबान के साथ दोस्ती और सहयोग का रिश्ता कायम करना चाहता है, वह चौंकाने वाला है।
तालिबान की ओर दोस्ती का हाथ क्यों बढाया चीन ने?
- दुनिया
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- 17 Aug, 2021

यह ड्रीम है 2049 तक चीनी राष्ट्र को पुनर्गठित करने का यानी पूरी दुनिया पर चीन, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और कम्युनिज़म का दबदबा कायम करने का। अफ़ग़ानिस्तान उसमें एक प्यादे से ज़्यादा कुछ नहीं, लेकिन फ़िलहाल उस प्यादे का बहुत महत्व है।
तालिबान ने अभी कामकाज भी नहीं संभाला है, उसकी विधिवत सरकार भी नहीं बनी है, न ही राष्ट्रपति या किसी दूसरे अधिकारी का एलान हुआ है, लेकिन बीजिंग ने तालिबान सरकार का समर्थन कर दिया। यह जल्दबाजी बहुत कुछ कहती है।
तालिबान ने काबुल पर रविवार को क़ब्ज़ा किया और सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "तालिबान ने चीन के साथ दोस्ताना रिश्ते विकसित करने की बात कई बार कही है। वे अफ़ग़ानिस्तान के विकास व पुनर्निमाण में चीन की भागेदारी का इंतजार भी कर रहे हैं। हम इसका स्वागत करते हैं।"