चीन के साथ चल रही सैन्य तनातनी के बीच बंगाल की खाड़ी में भारत की मेजबानी में तीन नवम्बर से शुरू हुआ चार देशों का साझा मालाबार नौसैनिक अभ्यास दुनिया में एक नये सामरिक समीकरण और सैन्य गठजोड़ का बीजारोपण है या महज दिखावटी शक्ति प्रदर्शक आयोजन, यह आने वाला वक्त ही बताएगा। यह काफी कुछ चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता पर निर्भर करेगा लेकिन यह भी देखना होगा कि चीन अपनी आर्थिक ताकत के बल पर इस गठजोड़ के उभरने से पहले ही इसमें दरार पैदा करने में कामयाब नहीं हो जाए।
मालाबार नौसैनिक अभ्यास से परेशान क्यों है चीन?
- दुनिया
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- 4 Nov, 2020

चीन को समझ में आ रहा है कि उसकी बढ़ती सैन्य विस्तारवादी नीतियों के ख़िलाफ़ चारों देश एकजुट हो रहे हैं। इसलिये चीनी विदेश मंत्रालय ने मालाबार के शुरू होने पर यह उम्मीद जाहिर की है कि मालाबार अभ्यास क्षेत्रीय शांति के अनुकुल होगा न कि इसके ख़िलाफ़। चीन के कहने का यही अर्थ है कि चारों देश चीन को सागरीय चुनौती देकर शांति भंग नहीं करें।
खासकर ऑस्ट्रेलिया और जापान की अर्थव्यवस्थाओं की नकेल चीन के हाथों में है जिसे चीन जब भी कस कर खींचने लगेगा, दोनों देश ख़ुद पर लगाम कस लेंगे।