चीन ने पाकिस्तान में अपने दूतावास का काउंसलर सेक्शन अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। चीन का कहना है कि पाकिस्तान में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति के बीच यह फैसला लिया गया है। हाल ही में चीन ने पाकिस्तान में रह रहे अपने नागरिकों को सतर्क रहने की भी सलाह जारी की थी। चीन ने काउंसलर सेक्शन बंद करने की वजह तकनीकी मुद्दे बताया है।
चीनी दूतावास ने यह नहीं बताया कि यह "तकनीकी समस्या" किस तरह की है। काउंसलर सेक्शन को बंद रखने की समय-सीमा क्या है। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। चीनी दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर काउंसलर सेक्शन बंद करने की घोषणा की है।
चीनी दूतावास ने अपने नोटिस में कहा कि "तकनीकी मुद्दों के कारण, इस्लामाबाद में चीनी दूतावास का कांसुलर सेक्शन 13 फरवरी, 2023 से अगली सूचना तक अस्थायी रूप से बंद रहेगा।"
पिछले सप्ताह चीन ने एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के कारण चीनी नागरिकों को जोखिम हो सकता है।
पाकिस्तान में हाल ही में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं। पाकिस्तान तालिबान समूह ने इमरान की पूर्व सरकार के साथ एक समझौता किया था। लेकिन अब तहरीके तालिबान पाकिस्तान ने अपनी आतंकी गतिविधियां फिर शुरू कर दी हैं। पाकिस्तान के विभिन्न आतंकवादी समूहों ने महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर काम कर रहे चीनी लोगों पर अक्सर हमला किया है, जिससे बीजिंग के बेल्ट एंड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के एक प्रमुख हिस्से पर खतरा मंडरा उठा है।
पिछले साल अप्रैल में एक महिला आत्मघाती हमलावर ने कराची में अपने स्थानीय ड्राइवर के साथ तीन चीनी शिक्षकों की हत्या कर दी थी। अगर चीन की तमाम गतिविधियां पाकिस्तान में रुकती हैं तो इससे पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान होगा लेकिन चीन को भी भारी घाटा उठाना होगा।
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