इस मामले में शुरुआत कनाडा की ओर से हुई। उसने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारतीय एजेंटों का हाथ बताते हुए जांच का आदेश दिया और एक भारतीय राजनयिक को सोमवार को निष्कासित कर दिया था। कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा, "अगर यह सच साबित हुआ तो यह हमारी संप्रभुता और देशों के एक-दूसरे के साथ व्यवहार करने के सबसे बुनियादी नियम का बड़ा उल्लंघन होगा।" भारत ने कनाडा के पीएम के सभी आरोपों को खारिज कर दिया। भारत ने कहा कि उसने कनाडा में खालिस्तानी तत्वों के सक्रिय होने की चिन्ता से कनाडा को बार-बार अवगत कराया। लेकिन वहां मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
कनाडा के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब के प्रमुख निज्जर की इस साल 18 जून को हत्या कर दी गई थी। वह अलगाववादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था। 46 साल के निज्जर को गुरुद्वारे के परिसर में दो अज्ञात लोगों ने गोली मारी थी। इसी हत्या में कनाडा आरोप लगा रहा है कि भारत का हाथ है। इस घटना को भारतीय एजेंटों ने अंजाम दिया है। भारत ने हत्या में शामिल होने के सभी आरोपों से इनकार किया है और उन्हें "बेतुका और प्रेरित" बताया है।
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