रूस के द्वारा अलगाववादी इलाकों - लुहान्स्क और दोनेत्स्क को आजाद देश की मान्यता देने के बाद उसके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। अमेरिका के बाद कनाडा ने भी रूस पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि रूस ने जो कदम उठाए हैं वह लोकतंत्र पर हमला हैं और साथ ही यह दुनिया भर में शांति के लिए भी एक खतरा है।
उन्होंने कहा है कि यह किसी संप्रभु राज्य पर आक्रमण है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कनाडा इसके जवाब में रूस पर कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगाने जा रहा है। इससे पहले अमेरिका ने लुहान्स्क और दोनेत्स्क के साथ व्यापार और निवेश पर रोक लगाने का एलान किया था।
जस्टिन ट्रूडो ने ट्वीट कर कहा कि ये प्रतिबंध रूस के डूमा राज्य पर लागू होंगे जिसने लुहान्स्क और दोनेत्स्क को आजाद देश के तौर पर मान्यता देने के लिए पक्ष में वोटिंग की है। ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार नैटो को मजबूती देने के लिए कनाडा के सैन्य बलों में अतिरिक्त लोगों की तैनाती भी कर रही है।
क्या करेगा यूक्रेन?
दूसरी ओर रूस अपने कदम पीछे हटाता नहीं दिख रहा है। वह लगातार युद्धाभ्यास कर रहा है और यूक्रेन की सीमा पर उसने तमाम हथियार और युद्ध के बाकी साजो सामान को इकट्ठा कर लिया है। अब देखना यह होगा कि दुनिया भर के तमाम देशों की इन कार्रवाइयों के बाद रूस क्या अपने पांव पीछे खींचता है या वह यूक्रेन पर हमला करता है।
हालांकि अमेरिका और यूरोपीय देश उसे चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया तो उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
उधर, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा है कि उनके देश की पहली योजना इस संकट को कूटनीतिक ढंग से हल करने की है। जबकि जो दूसरी योजना है उसके तहत उनका देश अपनी जमीन के हर इंच, हर शहर और हर गांव के लिए लड़ाई लड़ेगा।
कुलेबा इस मामले को लेकर लगातार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के संपर्क में हैं। कुलेबा ने यूक्रेन पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग भी की थी।
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