शेख हसीना के तख्तापलट के बाद क्या अब बांग्लादेश के इतिहास के साथ-साथ संविधान में भी बड़ा फेरबदल होगा? कम से कम अंतरिम सरकार द्वारा गठित संविधान सुधार आयोग ने तो अपनी रिपोर्ट में यह साफ़ कर ही दिया है। आयोग ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस को अपनी रिपोर्ट सौंपी है जिसमें धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और राष्ट्रवाद के राज्य सिद्धांतों को हटाने का प्रस्ताव दिया गया है।
बांग्लादेश के संविधान से अब धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद शब्द हटेगा?
- दुनिया
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- 16 Jan, 2025
बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार आख़िर संविधान सुधार आयोग गठित कर क्या बदलाव कराना चाहती है? जानिए, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद, राष्ट्रवाद को लेकर क्या फ़ैसला लिया गया है।

बांग्लादेश के संविधान में 4 प्रमुख सिद्धांतों में से इन तीन सिद्धांतों को हटाने की सिफ़ारिश की गई है। अब सिर्फ़ एक सिद्धांत रह जाएगा, वह है लोकतंत्र। तो सवाल है कि ये बदलाव क्यों किए जा रहे हैं? क्या बांग्लादेश में इन बदलावों के माध्यम से पूर्ववर्ती सरकार की सभी निशानियों को मिटाने की तैयारी है?