गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक के पीछे मुख्य तर्क यह दिया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान में चूंकि मुसलमान बहुसंख्यक हैं, लिहाज़ा मुसलमानों के धार्मिक उत्पीड़न का कोई सवाल ही नहीं उठता है, इसलिए इस विधेयक में मुसलमानों को नागरिकता देने का प्रावधान नहीं है। हालाँकि उन्होंने नाम बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान का भी लिया है, पर उनका ज़ोर तो पाकिस्तान पर ही है।