अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सेना की वापसी से तालिबान और अलक़ायदा को नई ज़िंदगी मिल गई है। अब यहाँ हिंसा की नई इबारत लिखी जा रही हैं। हर रोज हमले बढ़ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि 11 सितंबर तक सेना की पूरी वापसी हो जाने तक हालात बेकाबू हो जाएंगे।
तालिबान की वापसी से आशंकित हैं अफ़ग़ान महिलाएं
- दुनिया
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- 17 May, 2021

अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सेना की वापसी से तालिबान और अलक़ायदा को नई ज़िंदगी मिल गई है। अब यहाँ हिंसा की नई इबारत लिखी जा रही हैं। ऐसा लग रहा है कि 11 सितंबर तक सेना की पूरी वापसी हो जाने तक हालात बेकाबू हो जाएंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के 1 मई से सेना वापसी की प्रक्रिया शुरू करने और 11 सितंबर तक पूरी सेना हटा लेने की घोषणा के बाद ही हिंसा तेज हुई है। तालिबान के साथ ही अब अन्य संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। तालिबान ने पहले अमेरिका से कहा था कि वह अलकायदा के संपर्क में नहीं है।
अब यह सामने आ रहा है कि दोनों निरंतर संपर्क में रहकर ही अफगानिस्तान पर कब्जे की योजना बना रहे थे। तालिबान ने कई शहरों पर अब बड़े हमले शुरू कर दिए हैं। ज़बरदस्त बमबारी की जा रही है। हेलमंद, जाबुल, बघलान, हेरात, फ़रह, बदख्शान, ताखर और फरयाब में अफ़ग़ान सेना के साथ तालिबान का युद्ध चल रहा है।
अब यह सामने आ रहा है कि दोनों निरंतर संपर्क में रहकर ही अफगानिस्तान पर कब्जे की योजना बना रहे थे। तालिबान ने कई शहरों पर अब बड़े हमले शुरू कर दिए हैं। ज़बरदस्त बमबारी की जा रही है। हेलमंद, जाबुल, बघलान, हेरात, फ़रह, बदख्शान, ताखर और फरयाब में अफ़ग़ान सेना के साथ तालिबान का युद्ध चल रहा है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फ़वाद अमन के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में तालिबान ने अपने हमले बढ़ा दिए हैं। इन हमलों में काफी नुक़सान हुआ है। जवाबी कार्यवाही में सेना ने कई स्थानों पर हवाई हमले भी किए हैं। कुछ क्षेत्रों में कमांडो फोर्स तैनात किए गए हैं।